अरवल । जिलाधिकारी कार्यालय के गलियारे आज कुछ अलग-सा गूंजते रहे। फाइलों की खड़खड़ाहट और लोगों की आवाजों के बीच जिलाधिकारी अभिलाषा शर्मा ने जनशिकायतों की सुनवाई की, जहां प्रखंडों और पंचायतों से आए नागरिकों ने अपनी समस्याओं का फेरनामा जिलाधिकारी के सामने खोला। शिकायतों की भीड़ में सबसे ज्यादा प्रतिध्वनि भूमि विवाद, राजस्व संबंधी मामलों और सीमा निर्धारण के मुद्दों की रही।
डीएम ने धैर्यपूर्वक सभी आवेदकों की बातें सुनीं और प्रत्येक मामले की गंभीरता को बारीकी से समझा। भूमि विवादों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए उन्होंने अपर समाहर्ता (राजस्व), संबंधित विभागों और क्षेत्रीय पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए कि हर भूमि विवाद मामले की फील्ड वेरिफिकेशन शीघ्र की जाए और सत्यापन कार्य में किसी भी प्रकार की ढिलाई या विलंब बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ताओं को उनके मामलों की वर्तमान स्थिति तथा आगे की कार्रवाई की स्पष्ट जानकारी दी जाए। उन्होंने विवादित मामलों के प्राथमिकता क्रम तय करने, लंबित प्रकरणों की अद्यतन रिपोर्ट समय पर उपलब्ध कराने और समन्वित विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया।
जनशिकायत सुनवाई के दौरान डीएम अभिलाषा शर्मा ने कहा कि “जनता की प्रत्येक शिकायत प्रशासन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भूमि विवाद और राजस्व संबंधित मामलों में तेज, पारदर्शी और न्यायोचित समाधान सुनिश्चित करना सभी संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी है।” उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर संबंधित कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई तय होगी।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को चेताया कि जनसुनवाई केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि लोगों के भरोसे का दर्पण है। इसलिए हर आवेदन, हर विवाद और हर समस्या के प्रति संवेदनशीलता तथा त्वरित समाधान प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।
