अरवल : भाकपा माले ने 1 दिसंबर 1997 को अरवल जिले के लक्ष्मणपुर बाथे गांव में हुए नरसंहार की बरसी पर शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की और 1 मिनट की मौन श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम का नेतृत्व भाकपा माले के जिला कमेटी सदस्य सुरेंद्र प्रसाद ने किया, जिसमें अन्य सदस्य भी शामिल हुए।
इस मौके पर सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि इस घटना के बाद की गई सरकारी कार्रवाई में निष्क्रियता को दर्शाते हुए बताया कि दोषियों को सजा दिलाने के लिए सरकार ने सेशन कोर्ट की स्थापना की थी, जिसे भाजपा-जदयू सरकार द्वारा पटना हाई कोर्ट में बदल दिया गया। भाकपा माले ने अमीर दास आयोग को भंग करने की भी निंदा की, जिसे न्याय के लिए आवश्यक मानते थे।
उन्हें याद आया कि तत्कालीन राष्ट्रपति के.आर. नारायणन ने लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार को "राष्ट्रीय शर्म" करार दिया था और चेतावनी दी थी कि ऐसे नरसंहारों को फिर से न होने दिया जाए।
सुरेंद्र प्रसाद ने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार दलित और गरीबों के खिलाफ किस तरह का कार्य कर रही है, यह दर्शाता है। वे बताते हैं कि 20 वर्षों के शासन के बावजूद गरीबों को पक्का मकान और भूमि का अधिकार नहीं मिला। उल्टा, सरकार ने चुनावी समय में महिलाओं को ₹10,000 देकर वोट खरीदने की कोशिश की है।
साथ ही, उन्होंने बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर भाजपा-जदयू सरकार की चुप्पी का भी विरोध किया।
इस कार्यक्रम में राम नारायण, राम लक्ष्मण राजवंशी तथा कई ग्रामीण उपस्थित थे, जिन्होंने इस दुखद दिन को याद करते हुए न्याय की मांग की।
