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“एक पेड़ मां के नाम”: अरवल में युवाओं ने रंगों से रचा पर्यावरण और मातृत्व का संदेश


अरवल में युवाओं की रचनात्मक भागीदारी, पर्यावरण संरक्षण को मिला नया स्वर

अरवल जिले में युवाओं के बीच पर्यावरण संरक्षण और मातृत्व के सम्मान का अनूठा संगम देखने को मिला, जब मेरा युवा भारत (MY Bharat), अरवल द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय अभियान “एक पेड़ मां के नाम” के तहत एक भव्य पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल कला को मंच देना नहीं था, बल्कि युवाओं के मन में प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी और मां के प्रति कृतज्ञता की भावना को और मजबूत करना था।

कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय प्लस टू बालिका विद्यालय, अरवल परिसर में किया गया, जहां बड़ी संख्या में छात्राओं और युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। रंगों, भावनाओं और संदेशों से सजी यह प्रतियोगिता पूरे दिन चर्चा का विषय बनी रही।


“एक पेड़ मां के नाम” अभियान: भावनात्मक जुड़ाव के साथ पर्यावरण संरक्षण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया “एक पेड़ मां के नाम” अभियान देशभर में पर्यावरण संरक्षण को एक भावनात्मक आयाम देने का प्रयास है। इसी कड़ी में MY Bharat अरवल ने इस पहल को युवाओं तक पहुंचाने के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया।

प्रतियोगिता का मुख्य विषय भी “एक पेड़ मां के नाम” ही रखा गया, ताकि प्रतिभागी अपनी कल्पना और संवेदनाओं के माध्यम से यह संदेश दे सकें कि जिस तरह मां जीवन देती है, उसी तरह पेड़ धरती को जीवन देते हैं।


रंगों में उकेरी गई मां की ममता और प्रकृति की अहमियत

प्रतियोगिता में शामिल युवाओं ने अपनी चित्रकारी के जरिए मां की ममता, त्याग और निस्वार्थ प्रेम को प्रकृति से जोड़कर प्रस्तुत किया। कहीं मां की छाया में फलता-फूलता पेड़ दिखा, तो कहीं धरती को मां के रूप में दर्शाते हुए वृक्षारोपण का संदेश दिया गया।

चित्रों में यह साफ झलक रहा था कि आज की युवा पीढ़ी पर्यावरण के प्रति न केवल सजग है, बल्कि उसे बचाने की जिम्मेदारी भी समझती है। कई चित्रों में जलवायु परिवर्तन, हरियाली की कमी और भविष्य की पीढ़ियों के लिए सुरक्षित पर्यावरण जैसे मुद्दों को भी बेहद सशक्त ढंग से दर्शाया गया।


मुख्य अतिथियों का संदेश: हर युवा लगाए मां के नाम एक पेड़

कार्यक्रम के दौरान डॉ. मनोज कुमार (प्रधानाध्यापक) और दिव्या शर्मा, जिला युवा अधिकारी, माय भारत अरवल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। उन्होंने प्रतिभागी युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह अभियान केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जीवनशैली अपनाने का संदेश है।

दिव्या शर्मा ने कहा,

“एक पेड़ मां के नाम लगाना, मां के प्रति सम्मान व्यक्त करने का सबसे सुंदर तरीका है। यदि हर युवा यह संकल्प ले ले कि वह अपनी मां के नाम एक पेड़ लगाएगा और उसकी देखभाल करेगा, तो आने वाले वर्षों में इसका सकारात्मक प्रभाव पूरे समाज और पर्यावरण पर पड़ेगा।”

उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे केवल पौधारोपण तक सीमित न रहें, बल्कि पेड़ के बड़े होने तक उसकी जिम्मेदारी भी निभाएं।


प्रतियोगिता के विजेता और पुरस्कार वितरण

प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया।

  • निशा कुमारी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया
  • नैंसी कुमारी को द्वितीय स्थान मिला
  • सुरुचि कुमारी ने तृतीय स्थान हासिल किया

विजेताओं को मोमेंटो और मेडल प्रदान किए गए। इसके साथ ही अन्य प्रतिभागियों को भी सांत्वना पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया गया, ताकि उनका उत्साह बना रहे और वे भविष्य में भी इस तरह की गतिविधियों में भाग लेते रहें।


शिक्षकों और स्वयंसेवकों का सराहनीय योगदान

इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में अमर कीर्ति कुमार (MY Bharat स्वयंसेवक) और प्लस टू बालिका विद्यालय, अरवल के शिक्षकों की भूमिका भी बेहद सराहनीय रही। शिक्षकों ने छात्राओं को न केवल प्रतियोगिता के लिए तैयार किया, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी समझाया।

विद्यालय परिसर में पूरे कार्यक्रम के दौरान अनुशासन और उत्साह का माहौल देखने को मिला, जो इस बात का संकेत है कि ऐसे आयोजनों से युवाओं में सकारात्मक सोच और सामाजिक जिम्मेदारी का विकास होता है।


युवाओं के जरिए बदलेगा पर्यावरण का भविष्य

अरवल में आयोजित यह पेंटिंग प्रतियोगिता इस बात का उदाहरण है कि यदि युवाओं को सही दिशा और मंच मिले, तो वे बड़े सामाजिक अभियानों को जन-आंदोलन में बदल सकते हैं। “एक पेड़ मां के नाम” जैसे अभियान भावनाओं को पर्यावरण संरक्षण से जोड़कर समाज में स्थायी बदलाव ला सकते हैं।

इस आयोजन ने न केवल प्रतिभागी युवाओं को, बल्कि वहां मौजूद सभी लोगों को यह सोचने पर मजबूर किया कि क्या हमने अपनी मां और प्रकृति के लिए कुछ ठोस किया है? अगर नहीं, तो एक पेड़ लगाकर इसकी शुरुआत जरूर की जा सकती है।


निष्कर्ष: एक छोटा कदम, बड़ा संदेश

माय भारत, अरवल द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम साबित करता है कि छोटे स्तर पर किए गए प्रयास भी बड़े बदलाव की नींव रख सकते हैं। मां के नाम एक पेड़ लगाना केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और हरित भविष्य की ओर बढ़ाया गया मजबूत कदम है।

ऐसे आयोजनों से न केवल युवाओं की रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है, बल्कि समाज में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता भी तेजी से फैलती है—और यही इस अभियान की सबसे बड़ी सफलता है।

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