नई दिल्ली की हवा में दिसंबर की दस्तक के साथ एक ऐसी उम्मीद तैर रही है, जो लाखों कर्जदार परिवारों के बजट को हल्का कर सकती है। महीने की शुरुआत होते ही देश में कई बड़े बदलाव लागू होने वाले हैं—लेकिन सबसे अधिक नजरें टिकी हैं भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक पर, जहां ब्याज दरों से जुड़ा बड़ा फैसला होने वाला है।
5 दिसंबर को होगा बड़ा ऐलान
MPC की बैठक 3 दिसंबर से शुरू होगी और इसके फैसलों की घोषणा 5 दिसंबर, शुक्रवार को सुबह 10 बजे RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा करेंगे। कई वित्तीय विशेषज्ञों का अनुमान है कि RBI रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट (0.25%) की कटौती कर सकता है। यदि ऐसा होता है, तो यह होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की EMI को कम कर देगा—दिसंबर की शुरुआत में आम जनता के लिए एक सीधा तोहफा।
कितना हो जाएगा रेपो रेट?
वर्तमान में रेपो रेट 5.5% है। रेपो रेट ईजिंग साइकिल फरवरी पिछले वर्ष शुरू हुई थी, जिसके दौरान केंद्रीय बैंक ने कुल 100 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी। अगर MPC इस बार भी 25 बेसिस पॉइंट की छूट देती है, तो रेपो रेट घटकर 5.25% हो जाएगा—जो पिछले कई सालों में सबसे निचले स्तरों में से एक होगा।
महंगाई बनी राहत का आधार
कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल महंगाई पिछले दो महीनों से 2% के स्तर से नीचे बनी हुई है, जो सरकार के निर्धारित निचले दायरे में आती है। खाद्य कीमतों में स्थिरता और GST में कटौती की वजह से कोर महंगाई भी अक्टूबर में 2.6% तक सीमित रही। क्रिसिल के चीफ इकोनॉमिस्ट धर्मकीर्ति जोशी और HDFC बैंक की रिपोर्ट भी रेपो रेट कटौती की संभावना को मजबूत करती है।
GDP ग्रोथ बनी दुविधा की वजह
हालांकि दूसरी तिमाही में 8.2% की बेहतर-से-उम्मीद GDP ग्रोथ ने इस फैसले को जटिल बनाया है। SBI और बैंक ऑफ बड़ौदा के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि मजबूत आर्थिक संकेतकों को देखते हुए RBI रेपो रेट में बदलाव करने से बच भी सकता है।
अब निगाहें 5 दिसंबर की सुबह पर टिक गई हैं—जहां यह तय होगा कि दिसंबर राहत की फुहार लाएगा या RBI इंतज़ार को जारी रखेगा।
