बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार को ऐसे खुला, मानो लोकतंत्र की पुरानी हवेली में एक बार फिर रोशनी जलाई गई हो। 18वीं विधानसभा के पहले दिन नए और अनुभवी विधायकों की मौजूदगी ने सदन को एक जीवंत ऊर्जा से भर दिया। प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव ने नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने की औपचारिक प्रक्रिया शुरू की—पहले मंत्रियों ने शपथ ली, फिर विधायकों की लंबी कतार ने लोकतांत्रिक रीत निभाई।
सत्र के दौरान कई छोटे-छोटे क्षण हवा में कहानी-से तैरते दिखे। गृहमंत्री सम्राट चौधरी के शपथ लेने के बाद विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव सम्मान में खड़े हुए, और दोनों के बीच एक संयत अभिवादन का पुल बना। वहीं डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया, फिर तेजस्वी यादव से गले मिले—मानो राजनीति की कठोर दीवारों पर अचानक एक नरम रोशनी उतर आई हो। इसी दौरान नीतीश और तेजस्वी की धीमी-धीमी बातचीत भी कई चर्चाओं को जन्म दे गई।
एक अलग ही दृश्य तब बना जब विधायक अजय डांगी ऑटो से विधानसभा पहुंचे—सादगी का यह चित्र पूरे परिसर में चर्चा का कारण बना। वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम कुमार, जो आठ बार विधायक रहे हैं, सदन में प्रवेश से पहले अपने पुराने संस्कार अनुसार प्रणाम करते दिखे। दूसरी ओर, राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि “यह सरकार वोट चोरी से बनी है… विपक्ष भले कम संख्या में है, लेकिन आवाज़ पहले की तरह बुलंद रहेगी।”
सत्र की रूपरेखा भी तय है—
2 दिसंबर: विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव
3 दिसंबर: राज्यपाल का संयुक्त संबोधन
4 दिसंबर: धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा
5 दिसंबर: द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी पर विचार
नए विधायकों की सुविधा के लिए विधानसभा परिसर में विशेष हेल्प डेस्क भी स्थापित किया गया है, जो मार्गदर्शन से लेकर बैठने की व्यवस्था तक हर जानकारी प्रदान कर रहा है।
सत्र के पहले दिन ने संकेत दे दिया कि आने वाले दिनों में राजनीति का तापमान भी उतना ही रोचक रहने वाला है।
