भारतीय रेल स्लीपर कोच यात्रियों के लिए नए साल पर एक बड़ा तोहफ़ा लेकर आ रही है। अब तक एसी कोचों में मिलने वाली बेडरोल सुविधा—चादर, कंबल और तकिया—2026 से स्लीपर क्लास में भी उपलब्ध होगी। इससे वे यात्री जिन्हें अपनी यात्रा में भारी बेडरोल साथ ढोना पड़ता था, अब हल्के सामान के साथ आरामदायक सफर कर सकेंगे।
1 जनवरी 2026 से शुरू होगी सुविधा
दक्षिण रेलवे के चेन्नई डिविजन ने घोषणा की है कि 1 जनवरी 2026 से चुनिंदा ट्रेनों में स्लीपर क्लास के लिए ऑन-डिमांड बेडरोल सर्विस शुरू की जाएगी। यात्री चाहे तो केवल चादर, केवल तकिया या पूरा बेडरोल सेट ले सकेंगे—वह भी बेहद कम कीमत पर। यह पूरा बेडरोल पैक्ड, सैनिटाइज्ड और तुरंत इस्तेमाल करने लायक होगा। यात्रियों को सिर्फ ट्रेन स्टाफ को रिक्वेस्ट करनी होगी और निर्धारित शुल्क अदा करना होगा।
चार्ज कितना होगा?
रेलवे ने कीमतें इतनी कम रखी हैं कि कोई भी यात्री आसानी से सुविधा ले सके।
केवल बेडशीट: 20 रुपये
तकिया + तकिया कवर: 30 रुपये
बेडशीट + तकिया + तकिया कवर (फुल सेट): 50 रुपये
यानी 50 रुपये में पूरा बेडरोल सेट उपलब्ध होगा—स्लीपर क्लास यात्रियों के लिए यह बड़ी राहत है।
क्यों पड़ी जरूरत?
स्लीपर कोच में यात्रा करने वाले कई यात्री ठंड के मौसम या रात की यात्रा के दौरान आरामदायक नींद के लिए अपना बेडरोल खुद लेकर चलते थे। इससे उनका सामान भारी हो जाता था और यात्रा में असुविधा होती थी। दूसरी तरफ AC कोच में मिलने वाली बेडरोल सुविधा के कारण वहां के यात्रियों को अधिक आराम मिलता रहा है। अब रेलवे ने इस असमानता को खत्म करते हुए स्लीपर क्लास को भी बेहतर अनुभव देने का निर्णय लिया है।
इन ट्रेनों में मिलेगी सुविधा
यह सुविधा दक्षिण भारत की कई लोकप्रिय ट्रेनों में शुरू होगी, जिनमें शामिल हैं—
नीलगिरि सुपरफास्ट एक्सप्रेस, मंगलूरू सुपरफास्ट एक्सप्रेस, मनारगुड़ी एक्सप्रेस, तिरुचेंदूर सुपरफास्ट, पालघाट एक्सप्रेस, सिलंबु सुपरफास्ट, तांबरम–नागरकोइल सुपरफास्ट, तिरुवनंतपुरम सुपरफास्ट और अलेप्पी सुपरफास्ट एक्सप्रेस सहित कई महत्वपूर्ण ट्रेनें।
रेलवे का यह कदम स्लीपर क्लास यात्रा को अधिक आरामदायक और आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
