विद्यालय में शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार ही बच्चों को बनाते हैं बेहतर नागरिक : अनुमंडल पदाधिकारी संजीव कुमार
अरवल | स्वामी विवेकानंद स्कूल का 24वां स्थापना दिवस धूमधाम से संपन्न
अरवल जिले के स्वामी विवेकानंद स्कूल में बुधवार को विद्यालय का 24वां स्थापना दिवस पूरे उत्साह, उल्लास और गरिमा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शिक्षा, संस्कार और सांस्कृतिक मूल्यों का अद्भुत संगम देखने को मिला। कार्यक्रम का उद्घाटन अनुमंडल पदाधिकारी संजीव कुमार, नगर थाना अध्यक्ष दरबारी चौधरी और विद्यालय के निदेशक एस.के. भारती ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
पूरे विद्यालय परिसर को आकर्षक ढंग से सजाया गया था। बच्चों की रचनात्मकता, अनुशासन और आत्मविश्वास ने अतिथियों सहित उपस्थित अभिभावकों को गहराई से प्रभावित किया।
“शिक्षा के साथ संस्कार जरूरी” – अनुमंडल पदाधिकारी संजीव कुमार
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी संजीव कुमार ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है—
“उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए।”
उन्होंने कहा कि बच्चों को बचपन से ही अपने लक्ष्य स्वयं निर्धारित करना चाहिए और उसे पाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए।
संजीव कुमार ने कहा कि विद्यालय वह स्थान है जहां बच्चों के मन में विचारों के बीज अंकुरित होते हैं, जो आगे चलकर समाज और देश के विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आज के समय में केवल किताबी शिक्षा ही नहीं, बल्कि नैतिक मूल्यों और अच्छे संस्कारों की शिक्षा भी उतनी ही आवश्यक है। यही संस्कार बच्चों को एक जिम्मेदार नागरिक बनाते हैं।
“आज के बच्चे, कल का भारत” – नगर थाना अध्यक्ष दरबारी चौधरी
नगर थाना अध्यक्ष दरबारी चौधरी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन बच्चों के व्यक्तित्व विकास में अहम भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने कहा—
“बच्चों की प्रस्तुति देखकर हमारा बचपन याद आ गया। इस तरह के कार्यक्रम बच्चों में आत्मविश्वास, अनुशासन और सामाजिक भावना को मजबूत करते हैं।”
उन्होंने कहा कि आज के नौनिहाल ही देश का भविष्य हैं। यदि उन्हें शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार मिलें, तो वे समाज को साथ लेकर चलने की सोच विकसित करेंगे।
दरबारी चौधरी ने विद्यालय प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से बच्चों की छिपी प्रतिभाएं सामने आती हैं।
आर्ट एंड क्राफ्ट प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केंद्र
स्थापना दिवस समारोह के दौरान आर्ट एंड क्राफ्ट प्रदर्शनी विशेष आकर्षण का केंद्र रही।
छात्र-छात्राओं द्वारा बनाई गई कलाकृतियां न केवल सुंदर थीं, बल्कि सामाजिक संदेश भी दे रही थीं।
प्रदर्शनी में विशेष रूप से शामिल थे—
- पर्यावरण प्रदूषण पर आधारित मॉडल
- नदी संरक्षण
- खेल के मैदान का महत्व
- उद्योगों से होने वाले प्रभाव
- हरित पर्यावरण की अवधारणा
मानवी अमृत, श्रेष्ठ, शाजमा, रचना समेत अन्य विद्यार्थियों की रचनात्मक कृतियों की अतिथियों ने खुले दिल से प्रशंसा की।
नुक्कड़ नाटक ने दिया सामाजिक संदेश
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण नुक्कड़ नाटक रहा, जिसे बच्चों ने बेहद प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।
नाटक के माध्यम से बच्चों ने समाज में फैली कुरीतियों, पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा के महत्व को सरल भाषा में दर्शाया।
बच्चों की अभिनय क्षमता और संवाद अदायगी ने दर्शकों को भावुक कर दिया। हर दृश्य के बाद तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा परिसर गूंज उठा।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बच्चों ने बिखेरा रंग
कार्यक्रम में बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समां बांध दिया।
नृत्य, गीत और समूह प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
छात्र-छात्राओं की प्रस्तुति पर मौजूद अतिथियों और अभिभावकों ने जमकर तालियां बजाईं। बच्चों का आत्मविश्वास और मंच संचालन काबिले-तारीफ रहा।
शिक्षकों और विद्यालय प्रबंधन की अहम भूमिका
इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से—
- सुनीता कुमारी
- आशुतोष कुमार
- मंजू कुमारी
- मोहम्मद इहतेशाम
सहित अन्य शिक्षक शामिल थे।
विद्यालय के निदेशक एस.के. भारती ने कहा कि स्कूल का उद्देश्य केवल परीक्षा में अच्छे अंक लाना नहीं, बल्कि बच्चों को बेहतर इंसान बनाना है।
समारोह ने छोड़ी गहरी छाप
स्वामी विवेकानंद स्कूल का 24वां स्थापना दिवस समारोह न केवल एक उत्सव था, बल्कि यह शिक्षा, संस्कार और सामाजिक जिम्मेदारी का सशक्त संदेश भी था।
कार्यक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों का समावेश होता है, तभी एक सशक्त समाज और राष्ट्र का निर्माण संभव है।
अंत में सभी अतिथियों ने विद्यालय परिवार को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।