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    रोहतास में कोहरे ने छीने दो सपने: पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे दो दोस्तों को ट्रक ने कुचला, गांव में मातम

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    रोहतास । बिहार के रोहतास जिले से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जहां घने कोहरे ने दो युवाओं के सपनों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया। पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहे दो दोस्तों की तेज रफ्तार अनियंत्रित ट्रक की चपेट में आने से मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा रोहतास थाना क्षेत्र के समहुता इलाके में शुक्रवार की अहले सुबह हुआ, जब दोनों युवक रोज की तरह दौड़ लगाने निकले थे।

    इस हादसे ने न सिर्फ दो घरों के चिराग बुझा दिए, बल्कि पूरे इलाके को शोक और गुस्से में डुबो दिया है।


    सुबह की दौड़ बनी मौत की दौड़

    प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह घना कोहरा छाया हुआ था। दृश्यता बेहद कम थी। इसी दौरान समहुता इलाके में सड़क किनारे दौड़ लगा रहे दो युवकों को एक तेज रफ्तार ट्रक ने कुचल दिया। कोहरे की वजह से ट्रक चालक युवकों को देख नहीं पाया और अनियंत्रित वाहन ने दोनों को रौंद दिया।

    हादसा इतना भयावह था कि एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया।


    मृतकों की पहचान: दो दोस्त, एक सपना

    हादसे में जान गंवाने वाले युवकों की पहचान—

    • आशीष कुमार, निवासी – मुंजी गांव, थाना काराकाट
    • रंजन यादव, निवासी – समहुता, रोहतास

    आशीष कुमार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि रंजन यादव को गंभीर हालत में पहले स्थानीय अस्पताल और फिर वाराणसी रेफर किया गया। हालांकि, इलाज के दौरान वाराणसी में रंजन ने भी दम तोड़ दिया।

    दोनों युवक बिहार पुलिस में भर्ती होने का सपना देख रहे थे और उसी तैयारी के तहत रोज सुबह दौड़ लगाने निकलते थे।


    मजदूर पिता पर टूटा दुखों का पहाड़

    इस हादसे ने दोनों परिवारों को पूरी तरह तोड़ कर रख दिया है। मृतक आशीष कुमार के पिता जागेश्वर प्रसाद बंजारी स्थित सीमेंट फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं। बेटे की मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया।

    आशीष के पिता ने रोते हुए कहा—

    “मेरा बेटा और उसका दोस्त पुलिस में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रहे थे। रोज सुबह दौड़ने जाते थे। आज भी गए थे, लेकिन लौटकर नहीं आए। एक ट्रक ने दोनों को कुचल दिया। एक की मौके पर ही मौत हो गई और दूसरे ने वाराणसी में दम तोड़ दिया।”

    ग्रामीणों का कहना है कि दोनों युवक बेहद मेहनती थे और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने का सपना देख रहे थे।


    गांव में मातम, हर आंख नम

    हादसे की खबर फैलते ही मुंजी गांव और समहुता इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। जिस घर में कुछ समय पहले तक पुलिस भर्ती की चर्चा और सपनों की बातें होती थीं, वहां अब मातम पसरा है।

    गांव के लोग बताते हैं कि आशीष और रंजन दोनों मिलनसार स्वभाव के थे और युवाओं के लिए प्रेरणा माने जाते थे। उनकी असमय मौत से पूरा इलाका स्तब्ध है।


    गुस्साए ग्रामीणों ने किया सड़क जाम

    हादसे के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने डेहरी–रोहतास मुख्य मार्ग को समहुता के पास जाम कर दिया। लोग मुआवजे और दोषी ट्रक चालक की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करने लगे।

    जब पुलिस शवों को कब्जे में लेने पहुंची तो ग्रामीणों ने विरोध किया। करीब कई घंटों तक सड़क जाम रही, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया। बाद में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के समझाने-बुझाने के बाद स्थिति नियंत्रित हुई।


    पुलिस का बयान: जांच जारी, चालक की तलाश

    पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सासाराम सदर अस्पताल भेज दिया है। रोहतास पुलिस का कहना है कि—

    • ट्रक की पहचान की जा रही है
    • आसपास के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं
    • ट्रक चालक की तलाश तेज कर दी गई है

    पुलिस अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि मामले की गहन जांच होगी और दोषी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।


    सवालों के घेरे में सड़क सुरक्षा और तेज रफ्तार

    यह हादसा एक बार फिर सड़क सुरक्षा और भारी वाहनों की तेज रफ्तार पर सवाल खड़े करता है। घने कोहरे के बावजूद ट्रकों की तेज रफ्तार जानलेवा साबित हो रही है।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि—

    • कोहरे के समय ट्रैफिक नियंत्रण के पुख्ता इंतजाम नहीं होते
    • भारी वाहनों की स्पीड पर कोई सख्ती नहीं
    • सड़क किनारे दौड़ने या पैदल चलने वालों के लिए कोई सुरक्षित व्यवस्था नहीं

    प्रशासन से मुआवजे की मांग

    ग्रामीणों और परिजनों ने सरकार से मृतकों के परिवार को उचित मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। उनका कहना है कि दोनों युवक पुलिस सेवा के लिए तैयारी कर रहे थे और देश की सेवा करना चाहते थे।


    निष्कर्ष: सपनों की कीमत चुका गए दो युवा

    रोहतास का यह हादसा सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि दो संघर्षशील युवाओं के टूटे सपनों की कहानी है। कोहरे, तेज रफ्तार और लापरवाही ने दो परिवारों से उनके सहारे छीन लिए।

    अब सवाल यह है कि क्या इस हादसे के बाद प्रशासन सड़क सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम उठाएगा, या फिर ऐसे हादसे यूं ही मासूम जिंदगियां निगलते रहेंगे।

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