पीएम मोदी ने कहा—अब नहीं रहा ‘हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ’, भारत बना ग्लोबल ग्रोथ इंजन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में देश की अर्थव्यवस्था, सुधारों और ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य पर अपने विज़न को विस्तार से रखा। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत आज उस दौर से बहुत आगे निकल चुका है, जब 2–3 प्रतिशत की धीमी विकास दर को ‘हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ’ कहा जाता था। उन्होंने कहा कि कभी आर्थिक ठहराव का प्रतीक रही यह अभिव्यक्ति आज प्रासंगिक नहीं है, क्योंकि भारत अब दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत को दुनिया भर में ‘ग्लोबल ग्रोथ इंजन’ और ‘ग्लोबल पावरहाउस’ के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि जब भारत की विकास दर दुनिया में सबसे तेज है, तो कोई इसे अब ‘हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ’ क्यों नहीं कहता? पीएम मोदी के अनुसार, यह शब्द उस समय गढ़ा गया था, जब भारत आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा था, लेकिन अब देश नई कहानी लिख रहा है।
सुधार अब मजबूरी नहीं, राष्ट्रीय हित
पीएम मोदी ने कहा कि पहले देश में सुधार राजनीतिक दबाव या मजबूरी में किए जाते थे, लेकिन अब हर फैसला राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखकर लिया जाता है। उनका कहना था कि वर्ष 2025 को ‘सुधारों का वर्ष’ माना जा रहा है, क्योंकि इस दौरान नेक्स्ट जेनरेशन GST जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए, जिनका व्यापक असर नजर आ रहा है।
स्पेस सेक्टर में ऐतिहासिक बदलाव
प्रधानमंत्री ने निजी कंपनियों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र खोलने पर सरकार के फैसले को बड़ा परिवर्तन बताया। उन्होंने हैदराबाद में स्काईरूट कंपनी के ‘इन्फिनिटी कैंपस’ के उद्घाटन का उल्लेख करते हुए कहा कि अब भारत में निजी सेक्टर हर महीने एक रॉकेट बनाने की क्षमता विकसित कर रहा है। यह परिवर्तन दर्शाता है कि सरकार प्लेटफॉर्म उपलब्ध करा रही है और देश का युवा भविष्य गढ़ रहा है।
गुलामी की मानसिकता छोड़ने की अपील
पीएम मोदी ने कहा कि भारत लंबे समय तक गुलामी की मानसिकता से बंधा रहा, जिसने देश के आत्मविश्वास को कमजोर किया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत बनने के लिए इस सोच को त्यागना आवश्यक है और आज भारत तेजी से इससे बाहर निकल रहा है।
छोटे शहरों में नया विकास मॉडल
प्रधानमंत्री ने बताया कि छोटे शहर और गांव अब इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और इंडस्ट्री के नए केंद्र बन रहे हैं। स्टार्टअप और MSME सेक्टर छोटे शहरों में तेजी से उभर रहा है।
वैश्विक मंदी में भी भारत मजबूत
पीएम मोदी ने कहा कि जब दुनिया की औसत विकास दर 3% और G7 देशों की केवल 1.5% है, तब भारत कम महंगाई और तेज विकास दर के मॉडल पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने हाल ही में जारी दूसरी तिमाही के 8% GDP आंकड़ों को भारत की नई आर्थिक ताकत का संकेत बताया।