आगरा में एमबीबीएस छात्रों की दर्दनाक मौत: पोस्टमार्टम में पसलियां टूटने और फेफड़े फटने का खुलासा
आगरा। आईएसबीटी के पास हुई दर्दनाक दुर्घटना में एमबीबीएस छात्रों सिद्ध गर्ग और तनिष्क गुप्ता की मौत के कारणों पर से पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने परदा हटा दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक दोनों की कई पसलियां टूट गई थीं, जो फेफड़ों में घुसने से उन्हें गंभीर आंतरिक चोटें लगीं। अत्यधिक रक्तस्राव ही उनकी मौत का मुख्य कारण बना। पुलिस ने बताया कि दोनों के शरीर पर पांच से अधिक चोटों के निशान मिले हैं—ठोड़ी, घुटनों और माथे सहित कई हिस्सों पर गहरे घाव पाए गए।
हरीपर्वत थाना प्रभारी के अनुसार तनिष्क के माथे पर चोट जरूर थी, लेकिन वह जानलेवा नहीं थी। असली संकट उनकी बाईं छाती में था, जहां कई पसलियां टूटकर फेफड़ों को चीर गई थीं। सिद्ध की भी कई पसलियां टूटी थीं और वही घातक चोटें उनकी जान ले गईं। दुर्घटना के बाद दोनों छात्र सड़क पर बुरी तरह घायल पड़े रहे और उनका काफी खून बह गया।
इस बीच, पुलिस की देरी पर परिवार की नाराजगी भी सामने आई। सिद्ध के पिता राजेश अग्रवाल ने आरोप लगाया कि पुलिस लगभग एक घंटे देर से पहुंची, जबकि वक्त रहते मदद मिल जाती तो शायद दोनों की जान बच जाती। हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि सूचना मिलते ही पुलिस पांच मिनट में मौके पर पहुंच गई थी और छात्रों को अस्पताल भेजा गया। मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
रविवार शाम हुए इस हादसे में उनकी बाइक आईएसबीटी के पास डिवाइडर से टकरा गई थी। दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। रात में ही पोस्टमार्टम कराया गया।
देर रात जब सिद्ध का शव घर पहुंचा, तो पूरा माहौल शोक से भर गया। मां नीरू बेटे के शव को देखकर बेहोश हो गईं। सोमवार सुबह कालोनी में किसी घर में चूल्हा तक नहीं जला—सभी लोग स्तब्ध थे। अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए। छोटे भाई द्वारा मुखाग्नि देते समय बड़े भाई अक्षत गर्ग के हाथ कांप गए।
सिद्ध परिवार में पहला डॉक्टर बनने जा रहा था। 10वीं और 12वीं में 95% अंक, पहली बार में NEET क्वालिफाई—उसकी उपलब्धियों पर परिवार और समाज गर्व करता था। अब उसका न रह जाना पूरे परिवार के जीवन में एक स्थायी खालीपन बन गया है।