केंद्र सरकार का बड़ा बदलाव: PMO का नाम ‘सेवा तीर्थ’, राज्य भवन बने ‘लोक भवन’, सचिवालय बना ‘कर्तव्य भवन’
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रशासनिक ढांचे में एक बड़ा सांस्कृतिक बदलाव करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), राज्य भवनों और केंद्रीय सचिवालय के नाम बदल दिए हैं। मंगलवार को सूत्रों ने बताया कि PMO का नया नाम ‘सेवा तीर्थ’, देशभर के राज्य भवन अब ‘लोक भवन’ और केंद्रीय सचिवालय ‘कर्तव्य भवन’ के नाम से जाने जाएंगे। सरकार का कहना है कि यह कदम सत्ता से सेवा की दिशा में प्रतीकात्मक बदलाव को दर्शाता है।
PMO के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह बदलाव केवल प्रशासनिक नहीं है, बल्कि एक सांस्कृतिक रूपांतरण है। सार्वजनिक संस्थानों को सेवा मूल्यों के अनुरूप पुनर्परिभाषित किया जा रहा है।” इससे पहले केंद्र सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ किया था और प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास का नाम रेस कोर्स रोड से बदलकर ‘लोक कल्याण मार्ग’ किया गया था।
क्यों बदलना पड़ा ‘राज भवन’ का नाम?
गृह मंत्रालय के मुताबिक ‘राज भवन’ शब्द औपनिवेशिक मानसिकता का द्योतक है, जिसे बदलने की मांग लंबे समय से उठती रही है। पिछले वर्ष राज्यपालों के सम्मेलन में इस पर विस्तृत चर्चा हुई थी, जिसके बाद अब राज्यपालों और उप-राज्यपालों के निवास और कार्यालय को ‘लोक भवन’ व ‘लोक निवास’ कहा जाएगा।
PMO शिफ्ट होगा नए परिसर ‘सेवा तीर्थ’ में
78 साल पुराने साउथ ब्लॉक में स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय जल्द ही ‘सेवा तीर्थ’ नामक नए, आधुनिक और हाई-टेक परिसर में शिफ्ट होने जा रहा है। यह कदम सेंट्रल विस्टा री-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का एक प्रमुख हिस्सा है। 14 अक्टूबर को कैबिनेट सचिव टी.वी. सोमनाथन यहां ‘सेवा तीर्थ-2’ में सेना प्रमुखों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर चुके हैं, जो इस बदलाव की दिशा में एक अहम संकेत माना जा रहा है।
सेवा तीर्थ के तीन प्रमुख खंड –
सेवा तीर्थ-1: प्रधानमंत्री कार्यालय
सेवा तीर्थ-2: कैबिनेट सचिवालय
सेवा तीर्थ-3: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) का कार्यालय
क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट?
2019 में आरंभ हुआ यह प्रोजेक्ट राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक के क्षेत्र में बड़े स्तर पर पुनर्निर्माण और विकास से जुड़ा है। इसमें नए संसद भवन का निर्माण, केंद्रीय सचिवालय का गठन, प्रधानमंत्री एवं उप-राष्ट्रपति आवासों का निर्माण और सरकारी मंत्रालयों के लिए आधुनिक कार्यालय कॉम्प्लेक्स शामिल हैं। सरकार ने इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए 20 हजार करोड़ रुपए की अनुमानित लागत तय की है।
गृह मंत्रालय भी बदलेगा अपना पता
सितंबर में बताया गया था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय भी नॉर्थ ब्लॉक से शिफ्ट होकर जनपथ स्थित कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (CCS) में जाएगा। CCS की 10 नई इमारतों में से तीन लगभग तैयार हैं। सभी मंत्रालयों के शिफ्ट होने के बाद नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को ‘युगे युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’ में बदलने की योजना है, जहां 25–30 हजार ऐतिहासिक कलाकृतियां प्रदर्शित होंगी। यह दुनिया के सबसे बड़े संग्रहालयों में से एक होगा।
यह बदलाव केवल नामों का परिवर्तन नहीं, बल्कि शासन की कार्यशैली में एक नए अध्याय की शुरुआत माना जा रहा है।