गया में हाईटेंशन लाइन बनी काल, आग ताप रहे तीन युवकों की दर्दनाक मौत, गांव में पसरा मातम
गया (बिहार) से दिल दहला देने वाली खबर
बिहार के गया जिले से एक बेहद दर्दनाक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। खिजड़सराय थाना क्षेत्र के खैरा गांव में 11,000 वोल्ट की हाईटेंशन बिजली लाइन की चपेट में आने से तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ, जब तीनों युवक ठंड से बचने के लिए अपने घर के बाहर आग ताप रहे थे। एक पल में खुशहाल माहौल मातम में बदल गया और पूरे गांव में कोहराम मच गया।
कैसे हुआ हादसा: चिंगारी बनी मौत का कारण
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, खैरा गांव के जिस घर के बाहर युवक आग ताप रहे थे, उसके ठीक ऊपर से 11 हजार वोल्ट की हाईटेंशन लाइन गुजर रही थी। देर रात अचानक बिजली लाइन में शॉर्ट सर्किट हुआ। इसके बाद तेज चिंगारी और करंट नीचे गिर पड़ा, जिसकी चपेट में आग ताप रहे तीनों युवक आ गए।
तेज करंट लगने से तीनों युवक बुरी तरह झुलस गए। ग्रामीणों के मुताबिक, कुछ ही सेकंड में हालात इतने भयावह हो गए कि किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला। चीख-पुकार सुनते ही आसपास के लोग दौड़ पड़े, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
मगध मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने किया मृत घोषित
हादसे के तुरंत बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने इंसानियत दिखाते हुए बिना देरी किए तीनों घायलों को इलाज के लिए मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने जांच के बाद तीनों युवकों को मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टरों के अनुसार, तेज वोल्टेज करंट के कारण शरीर के अंदरूनी अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा था, जिससे उन्हें बचाया नहीं जा सका। यह खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे खैरा गांव में मातम पसर गया।
एक साथ तीन मौतों से गांव में पसरा सन्नाटा
एक ही गांव में एक साथ तीन युवकों की मौत से माहौल बेहद गमगीन हो गया है। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। घरों में चूल्हे ठंडे पड़े हैं और हर आंख नम है। गांव की गलियों में सन्नाटा पसरा हुआ है।
ग्रामीणों का कहना है कि तीनों युवक अपने परिवार के सहारे थे। उनकी असमय मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। महिलाएं बेसुध हैं और बुजुर्गों की आंखों में गुस्सा और बेबसी साफ झलक रही है।
पुलिस और बिजली विभाग को दी गई सूचना
घटना की जानकारी मिलते ही खिजड़सराय थाना पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करने के बाद परिजनों को सौंप दिया है।
वहीं, बिजली विभाग को भी हादसे की सूचना दी गई है। विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर हाईटेंशन लाइन और आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण किया। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट की आशंका जताई जा रही है।
ग्रामीणों का आरोप: बिजली विभाग की लापरवाही
इस दर्दनाक हादसे के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। लोगों का साफ कहना है कि आबादी वाले इलाके के ऊपर से 11 हजार वोल्ट की हाईटेंशन लाइन गुजरना अपने आप में बड़ा खतरा है। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार बिजली विभाग से शिकायत की गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
ग्रामीणों ने बताया कि बारिश, हवा या ठंड के मौसम में इस लाइन से पहले भी चिंगारी गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं। अगर समय रहते लाइन को शिफ्ट किया गया होता, तो आज तीन घरों के चिराग बुझते नहीं।
रिहायशी इलाकों में हाईटेंशन लाइन पर उठे सवाल
यह हादसा एक बार फिर रिहायशी इलाकों के ऊपर से गुजर रही हाई वोल्टेज बिजली लाइनों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की लाइनों को आबादी से दूर रखा जाना चाहिए या फिर अंडरग्राउंड किया जाना चाहिए।
गांव के लोगों की मांग है कि प्रशासन और बिजली विभाग इस घटना से सबक लें और जल्द से जल्द हाईटेंशन लाइन को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करें, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसा दर्द न झेलना पड़े।
प्रशासन से मुआवजे और कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों और मृतकों के परिजनों ने प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग की है। साथ ही, बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की भी मांग उठ रही है। लोगों का कहना है कि यह सिर्फ हादसा नहीं, बल्कि लापरवाही का नतीजा है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी घटना पर दुख जताया है और पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। प्रशासन की ओर से मुआवजे को लेकर जल्द निर्णय लिए जाने की संभावना जताई जा रही है।
निष्कर्ष: कब रुकेगा लापरवाही का सिलसिला?
गया के खैरा गांव की यह घटना सिर्फ तीन युवकों की मौत की खबर नहीं है, बल्कि सिस्टम की बड़ी चूक को उजागर करती है। सवाल यह है कि आखिर कब तक आबादी के ऊपर मौत बनकर लटकती रहेंगी हाईटेंशन लाइनें? क्या हर बार किसी की जान जाने के बाद ही प्रशासन जागेगा?
फिलहाल खैरा गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीण चाहते हैं कि दोषियों पर कार्रवाई हो और भविष्य में इस तरह के हादसों की पुनरावृत्ति न हो।