भभुआ में शर्मनाक वारदात: महिला सिपाही से सरेशाम छेड़खानी, विरोध पर हत्या की कोशिश, आरोपी आर्मी जवान गिरफ्तार
बिहार में महिला सुरक्षा पर फिर उठे गंभीर सवाल
बिहार में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। कैमूर जिले के भभुआ शहर में सरेआम एक महिला सिपाही के साथ हुई शर्मनाक और खौफनाक वारदात ने कानून-व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। वर्दी में तैनात एक महिला सिपाही के साथ पहले छेड़खानी और अश्लील हरकत की गई, और जब उसने विरोध किया तो आरोपी ने उसकी हत्या की कोशिश तक कर डाली। किसी तरह जान बचाकर भागी महिला सिपाही ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया।
ऑटो में शुरू हुई दरिंदगी, सरेशाम मची दहशत
पीड़िता कैमूर जिले के ही एक थाने में पदस्थापित महिला सिपाही है। उसने नगर थाना में दर्ज एफआईआर में बताया कि रविवार की शाम करीब छह बजे वह ऑटो से जेपी चौक से एकता चौक की ओर जा रही थी। ऑटो में पहले से सवार युवक सुमित चतुर्वेदी ने अचानक उसके साथ गंदी हरकतें शुरू कर दीं।
महिला सिपाही ने जब इसका विरोध किया तो आरोपी और उग्र हो गया। सरेआम छेड़खानी और अश्लील व्यवहार से पीड़िता बुरी तरह घबरा गई। ऑटो में मौजूद अन्य लोग भी मूकदर्शक बने रहे, जिससे आरोपी का हौसला और बढ़ गया।
पुलिस लाइन तक किया पीछा, जान लेने की कोशिश
खुद को बचाने के लिए महिला सिपाही पुलिस लाइन गेट के सामने ऑटो से उतरकर भागी। उसे उम्मीद थी कि पुलिस लाइन के पास पहुंचते ही वह सुरक्षित हो जाएगी, लेकिन आरोपी का दुस्साहस यहीं नहीं रुका। वह भी उसके पीछे-पीछे पुलिस लाइन परिसर तक पहुंच गया।
पीड़िता के अनुसार, पुलिस लाइन में स्थित अपनी सहेली के बैरक के नीचे पहुंचते ही आरोपी ने उसे घेर लिया। वहां गाली-गलौच करते हुए लात-घूंसे से बेरहमी से पिटाई शुरू कर दी। इतना ही नहीं, आरोपी ने जान लेने की नीयत से उसके मफलर से गर्दन दबा दी। कुछ पल के लिए महिला सिपाही को लगा कि अब उसकी जान नहीं बचेगी।
चीख-पुकार से बची जान, आरोपी फरार होने लगा
मारपीट के दौरान महिला सिपाही के सिर, पीठ, मुंह और होठ से खून बहने लगा। दर्द और डर से उसने जोर-जोर से चीखना शुरू किया। उसकी आवाज सुनकर आसपास मौजूद लोग और पुलिस लाइन के कर्मी मौके पर पहुंचे, तब जाकर आरोपी ने उसे छोड़ा।
जाते-जाते आरोपी ने महिला सिपाही को जान से मारने की धमकी भी दी। इस घटना के बाद पीड़िता सदमे में है और उसका इलाज कराया गया है। चिकित्सकों के अनुसार, उसे कई जगह गंभीर चोटें आई हैं, हालांकि अब उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
आरोपी गिरफ्तार, आर्मी जवान होने का दावा
घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस हरकत में आई और त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी सुमित चतुर्वेदी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सीवान जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र के चकिया गांव का रहने वाला है और खुद को आर्मी जवान बता रहा है।
नगर थाना प्रभारी मुकेश कुमार ने बताया कि आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। सोमवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा और अदालत के आदेश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आरोपी वास्तव में आर्मी जवान है या नहीं। इसके लिए संबंधित विभाग से संपर्क किया जा रहा है।
आरोपी के परिजनों से भी पूछताछ
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपी के परिजनों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि उसके आपराधिक इतिहास और व्यवहार की जानकारी मिल सके। यह भी जांच की जा रही है कि आरोपी पहले भी इस तरह की घटनाओं में शामिल रहा है या नहीं।
पुलिस का कहना है कि महिला सिपाही की शिकायत के आधार पर गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और किसी भी हाल में आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
जिले में आक्रोश, महिलाओं में डर का माहौल
इस घटना के बाद पूरे कैमूर जिले में आक्रोश फैल गया है। महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस वारदात की कड़ी निंदा की है। लोगों का कहना है कि जब एक प्रशिक्षित, वर्दीधारी महिला सिपाही ही सरेआम सुरक्षित नहीं है, तो आम महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
शाम के वक्त भभुआ शहर में महिलाओं के बीच डर का माहौल है। कई लोगों ने पुलिस गश्त बढ़ाने और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की है।
सिस्टम के लिए चेतावनी है यह मामला
यह मामला अब सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं रह गया है, बल्कि सिस्टम और समाज दोनों के लिए एक कड़ा इम्तिहान बन गया है। सवाल यह है कि आखिर अपराधियों के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं? क्या कानून का डर खत्म होता जा रहा है?
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त सजा ही अपराधियों को रोक सकती है। महिला सिपाही के साथ हुई यह वारदात प्रशासन के लिए चेतावनी है कि महिला सुरक्षा को लेकर अब और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती।
निष्कर्ष: न्याय और सुरक्षा की उम्मीद
फिलहाल पुलिस की कार्रवाई से लोगों को कुछ हद तक राहत जरूर मिली है, लेकिन असली सवाल यह है कि क्या इससे भविष्य में ऐसी घटनाएं रुकेंगी? पीड़िता और उसका परिवार न्याय की उम्मीद लगाए बैठा है।
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि महिलाओं की सुरक्षा सिर्फ नारे और दावों से नहीं, बल्कि सख्त कानून, ईमानदार कार्रवाई और सामाजिक जागरूकता से ही संभव है।