गाजियाबाद हत्याकांड: किराये के विवाद में मकान मालकिन की हत्या, जानिए कानून क्या कहता है और ऐसे मामलों में क्या करें
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां किराये को लेकर हुए विवाद में एक किरायेदार दंपति ने अपनी मकान मालकिन की बेरहमी से हत्या कर दी। आरोप है कि पहले महिला का गला घोंटा गया, फिर शव के टुकड़े कर उसे सूटकेस में भरकर बेड के बॉक्स में छिपा दिया गया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की गहन जांच जारी है।
यह घटना न सिर्फ एक आपराधिक वारदात है, बल्कि किरायेदार और मकान मालिक के बीच बढ़ते विवादों, कानून की जानकारी की कमी और समय पर शिकायत न करने के गंभीर परिणामों की ओर भी इशारा करती है।
क्या है पूरा मामला
यह सनसनीखेज घटना राजनगर एक्सटेंशन स्थित ओरा कायमेरा सोसाइटी की है। यहां फ्लैट नंबर 506 में किरायेदार के रूप में रह रहे अजय गुप्ता और उसकी पत्नी आकृति गुप्ता पर आरोप है कि उन्होंने अपनी मकान मालकिन दीपशिखा शर्मा की हत्या कर दी।
जानकारी के मुताबिक, 17 दिसंबर 2025 को दीपशिखा शर्मा अपने बकाया किराये की रकम लेने आरोपियों के फ्लैट पर पहुंची थीं। इसी दौरान किराये को लेकर कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते हिंसक झगड़े में बदल गई। आरोप है कि दंपति ने गुस्से में आकर दीपशिखा का गला घोंट दिया, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
हत्या के बाद शव को सूटकेस में छिपाया
पुलिस जांच में सामने आया है कि हत्या के बाद आरोपियों ने शव के टुकड़े किए और उसे लाल रंग के सूटकेस में भरकर बेड के बॉक्स में छिपा दिया। इसके बाद दोनों आरोपी सामान्य व्यवहार करते रहे और किसी को शक न हो, इसका प्रयास किया।
सीसीटीवी फुटेज में दीपशिखा शर्मा को शाम के समय फ्लैट की ओर जाते देखा गया, लेकिन वह वापस लौटती नजर नहीं आईं, जिससे संदेह और गहरा हो गया।
मेड के शक से खुला राज
जब देर रात तक दीपशिखा अपने घर नहीं लौटीं, तो उनकी मेड को अनहोनी की आशंका हुई। वह उस फ्लैट पर पहुंची, जहां दीपशिखा आखिरी बार गई थीं। संदिग्ध हालात देखकर जब तलाशी ली गई, तो बेड के अंदर रखे सूटकेस से शव बरामद हुआ।
इसके बाद सोसाइटी के लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
भागने की कोशिश में पकड़े गए आरोपी
हत्या के बाद अजय और आकृति मौके से फरार होने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सोसाइटी के सतर्क निवासियों ने उन्हें पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ के दौरान दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें पति-पत्नी दोनों एक-दूसरे को बचाने और खुद जुर्म स्वीकार करने की बात कहते नजर आ रहे हैं।
इस मामले में कौन-कौन सी IPC धाराएं लग सकती हैं?
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, इस मामले में आरोपियों पर कई गंभीर धाराएं लागू होती हैं:
- IPC धारा 302 – हत्या
- IPC धारा 201 – सबूत मिटाने की कोशिश
- IPC धारा 34 – साझा मंशा से अपराध
- IPC धारा 506 – आपराधिक धमकी (यदि प्रताड़ना सिद्ध होती है)
👉 इन धाराओं में दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास या फांसी तक की सजा का प्रावधान है।
पुलिस प्रक्रिया क्या होती है ऐसे मामलों में?
- FIR दर्ज की जाती है
- मौके से फॉरेंसिक सबूत जुटाए जाते हैं
- आरोपियों का मेडिकल और मनोवैज्ञानिक परीक्षण
- कोर्ट में चार्जशीट दाखिल
- फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई की संभावना
सहायक पुलिस आयुक्त उपासना पाण्डेय के अनुसार, मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है और सबूतों के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
किरायेदार और मकान मालिक के कानूनी अधिकार
🔹 मकान मालिक के अधिकार:
- समय पर किराया मांगना
- कानूनी नोटिस भेजना
- कोर्ट के जरिए बेदखली
🔹 किरायेदार के अधिकार:
- शारीरिक या मानसिक प्रताड़ना से सुरक्षा
- बिना नोटिस जबरन निकाला नहीं जा सकता
- उत्पीड़न की स्थिति में पुलिस शिकायत का अधिकार
👉 कानून हाथ में लेना अपराध है, चाहे कारण कुछ भी हो।
प्रताड़ना की स्थिति में कहां करें शिकायत?
यदि कोई किरायेदार या मकान मालिक खुद को प्रताड़ित महसूस करता है, तो वह इन हेल्पलाइनों पर संपर्क कर सकता है:
- पुलिस हेल्पलाइन: 112
- महिला हेल्पलाइन: 181 / 1091
- कानूनी सहायता: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
समय पर शिकायत कई बड़ी घटनाओं को रोक सकती है।
क्या पीड़ित परिवार को मुआवजा मिल सकता है?
उत्तर प्रदेश सरकार की पीड़ित मुआवजा योजना के तहत, हत्या के मामलों में मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके लिए जिला प्रशासन या कोर्ट के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है।
निष्कर्ष
गाजियाबाद की यह घटना समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है। किराये या पारिवारिक विवाद का समाधान संवाद, कानून और प्रशासन के जरिए होना चाहिए, न कि हिंसा से। एक छोटी सी शिकायत या कानूनी कदम कई जिंदगियां बचा सकता है।