ज़िले के नक्शे पर विकास की उजली लकीरें खींचने की कोशिशें आज नए मोड़ पर पहुँचीं, जब समाहरणालय अरवल में जिला पदाधिकारी अविलाषा शर्मा की अध्यक्षता में विभिन्न विकासात्मक योजनाओं की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित हुई। प्रशासनिक गलियारों में यह बैठक मानो एक बड़ी साँस की तरह थी—जिसमें योजनाओं की गति, गुणवत्ता और जिम्मेदारियों की परतें खोली गईं।
बैठक में डीसीएलआर, डीपीआरओ व जिले के अन्य प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी मौजूद रहे। समीक्षा का मुख्य केंद्र रहा—
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण)
मनरेगा
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना
खेल मैदान निर्माण कार्य
जीविका भवन निर्माण कार्य
बैठक में डीएम ने योजनाओं के क्रियान्वयन में तेज़ी लाने का स्पष्ट निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पंचायतों में स्वच्छता गतिविधियों को प्राथमिकता दी जाए और मनरेगा से चल रहे कार्यों में गुणवत्ता व समयबद्धता सुनिश्चित की जाए। विशेषकर खेल मैदानों और जीविका भवनों के निर्माण को लेकर अलग से समीक्षा कर प्रगति तेज़ करने को कहा गया।
डीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “किसी भी प्रकार की लापरवाही, ढिलाई या विवाद बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।" उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मनरेगा मजदूरों को समय पर मजदूरी भुगतान हर हाल में सुनिश्चित करें, साथ ही पर्याप्त रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के लंबित मामलों पर भी चर्चा हुई। डीएम ने लंबित किस्तों का भुगतान समय पर करने और निर्माण की भौतिक प्रगति की नियमित निगरानी के निर्देश दिए।
बैठक के अंत में उन्होंने सभी प्रखंड पदाधिकारियों से कहा कि यदि किसी स्तर पर बाधा आती है तो संबंधित विभाग तत्काल जिला प्रशासन को अवगत कराए, ताकि समाधान शीघ्र हो सके और जनता को योजनाओं का लाभ बिना देरी मिले।
बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि विकास कार्यों में पारदर्शिता, जवाबदेही और सतत निगरानी सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहे।
