पटना समेत पूरे बिहार में शीतलहर का कहर, 4 जनवरी तक नहीं मिलेगी ठंड से राहत
"पटना समेत पूरे बिहार में शीतलहर का कहर, 4 जनवरी तक नहीं मिलेगी ठंड से राहत"
पटना: बिहार सहित पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और शीतलहर ने जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। राजधानी पटना समेत राज्य के अधिकांश जिलों में ठिठुरन लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर भारी पड़ रही है। सुबह और शाम ही नहीं, बल्कि दिन में भी सूरज की कमजोरी के कारण ठंड से कोई खास राहत नहीं मिल पा रही है। मौसम विभाग ने साफ संकेत दिए हैं कि 4 जनवरी तक मौसम के तेवर ऐसे ही बने रहेंगे।
राज्य के कई हिस्सों में ‘कोल्ड डे’ की स्थिति बनी हुई है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच का अंतर बेहद कम हो गया है, जिससे पूरे दिन सिहरन महसूस हो रही है। आमतौर पर दिन में धूप निकलने से ठंड कुछ कम हो जाती है, लेकिन इस बार आसमान में छाई हल्की धुंध और बादलों की वजह से सूरज की तपिश जमीन तक नहीं पहुंच पा रही है।
मौसम विभाग के अनुसार, इन दिनों बिहार में लगभग 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ हवाएं चल रही हैं। ये हवाएं पहाड़ी और उत्तरी क्षेत्रों से ठंड लेकर आ रही हैं, जिससे तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। उत्तर बिहार के जिले शीतलहर से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, अररिया और किशनगंज में ठंड ने लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है।
राजधानी पटना में गुरुवार को घने कोहरे से थोड़ी राहत जरूर मिली, जिससे दृश्यता बेहतर रही और सड़कों पर यातायात सामान्य दिखाई दिया। हालांकि ठंडी हवा और कम तापमान के कारण लोग गर्म कपड़ों में पूरी तरह लिपटे नजर आए। सुबह के समय पार्कों और खुले इलाकों में चहल-पहल भी पहले की तुलना में काफी कम रही।
मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में बताया है कि आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट हो सकती है, जबकि अधिकतम तापमान भी सामान्य से नीचे बना रहेगा। ऐसे में दिन और रात के तापमान में ज्यादा फर्क नहीं होगा और ठंड लगातार महसूस होती रहेगी। विभाग ने खास तौर पर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
ठंड और कोहरे का असर यातायात व्यवस्था पर भी साफ नजर आ रहा है। बीते दिन घने कोहरे के कारण पटना एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली 14 फ्लाइट्स को रद्द करना पड़ा, जबकि कई उड़ानों के समय में बदलाव किया गया। इससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। रेल यातायात भी प्रभावित है और राज्य से गुजरने वाली कई ट्रेनें घंटों देरी से चल रही हैं, जिससे यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर ठंड में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
ग्रामीण इलाकों में ठंड का असर और ज्यादा देखने को मिल रहा है। खेतों में काम करने वाले मजदूरों और किसानों के लिए सुबह-सुबह काम पर निकलना मुश्किल हो गया है। गांवों और शहरों के चौक-चौराहों पर लोग अलाव जलाकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस मौसम में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। उनका कहना है कि लापरवाही बरतने से सर्दी, खांसी, बुखार और सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। डॉक्टरों की सलाह है कि लोग गर्म कपड़े पहनें, सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें और ठंडी हवा से खुद को सुरक्षित रखें।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और लगातार चल रही पछुआ हवाओं के कारण ठंड बनी हुई है। जब तक हवा की दिशा और गति में बदलाव नहीं होता, तब तक बिहार को इस कड़ाके की ठंड से राहत मिलने की संभावना बेहद कम है।