अरवल में बाल वैज्ञानिकों की प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन, 4 परियोजनाएं क्षेत्रीय स्तर के लिए चयनित
अरवल। पायस मिशन स्कूल, अरवल के परिसर में द्वितीय जिला स्तरीय बिहार बाल विज्ञान शोध कार्यक्रम 2025 का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन सायंस फॉर सोसाइटी, अरवल के तत्वावधान में हुआ, जिसकी अध्यक्षता जिला समन्वयक मनोज वत्स ने की। इस वर्ष कार्यक्रम का मुख्य विषय “खाद्य सुरक्षा एवं पर्यावरणीय स्वास्थ्य के लिए प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन” रखा गया, जिसने बच्चों को समाजोपयोगी और नवाचारी सोच की दिशा में प्रेरित किया।
कार्यक्रम में जिले के विभिन्न विद्यालयों से आए बाल वैज्ञानिकों द्वारा कुल 32 शोध परियोजनाएं प्रस्तुत की गईं। इन परियोजनाओं में पर्यावरण संरक्षण, प्लास्टिक प्रबंधन, वैकल्पिक संसाधनों और सतत विकास जैसे अहम मुद्दों पर बच्चों की गहरी समझ और रचनात्मकता देखने को मिली। गहन मूल्यांकन के बाद चार उत्कृष्ट परियोजनाओं का चयन क्षेत्रीय बिहार बाल विज्ञान शोध कार्यक्रम के लिए किया गया।
चयनित परियोजनाएं इस प्रकार हैं—
- फरहान मुशर्रफ – बायो प्लास्टिक
- अनन्या सिन्हा – ट्रिपल पॉल्यूशन रिसाइक्लिंग सिस्टम
- अनामिका कुमारी – प्लास्टिक कचरा से रोड निर्माण
- अनुपमा रंजन – ओजोला कल्चर
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नीरज कुमार ने चयनित बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ऐसे मंच बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने और समाज की समस्याओं के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। परियोजनाओं का मूल्यांकन सोनम मिश्रा, शिव किशोर एवं मिथिलेश कुमार द्वारा किया गया।
इस अवसर पर पायस मिशन स्कूल के निदेशक राजकुमार जी, बीईओ वीर अभिमन्यु सहित जिले के दर्जनों शिक्षक एवं शिक्षाविद उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन बच्चों के उत्साहवर्धन और भविष्य में और बेहतर शोध के संकल्प के साथ हुआ।