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नीतीश सरकार में मंत्री बनाए जाने पर RLM में विवाद, कई नेता इस्तीफा देने को मजबूर


पटना। राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को बिहार की नीतीश सरकार में मंत्री बनाए जाने के बाद राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) में विरोध शुरू हो गया है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, जिनमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ, प्रदेश प्रवक्ता राहुल कुमार और प्रदेश महासचिव प्रमोद यादव शामिल हैं, ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बुधवार को रालोमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को पत्र लिखकर कहा कि हाल ही में लिए गए फैसलों से वे सहमत नहीं हैं।

जितेंद्र नाथ ने अपने इस्तीफा पत्र में कहा कि वे पिछले 9 साल से उपेंद्र कुशवाहा के साथ काम कर रहे थे, लेकिन अब कई राजनीतिक और सांगठनिक निर्णयों से वे खुद को जोड़ नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में साथ काम करना संभव नहीं है, इसलिए पद और पार्टी से इस्तीफा देना ही उचित है।

रालोमो के नेताओं का आरोप है कि हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे और मंत्री पद के फैसलों में पार्टी के हितों को नजरअंदाज किया गया। विशेष रूप से नीतीश सरकार में दीपक प्रकाश को मंत्री बनाए जाने पर सवाल उठाए गए। नेताओं का कहना है कि कुशवाहा की पत्नी सासाराम से विधायक बनी हैं, लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। वहीं, कुशवाहा ने बेटे को मंत्री बनाने पर सोशल मीडिया पर सफाई दी और कहा कि पिछली घटनाओं से सबक लेकर पार्टी को टूटने से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया।

बता दें कि दीपक प्रकाश बिना कोई चुनाव जीते सीधे मंत्री बने हैं। चर्चा है कि उन्हें आगामी एमएलसी चुनाव में विधान परिषद का सदस्य बनाकर सदन भेजा जाएगा। विधानसभा चुनाव में रालोमो ने एनडीए में रहकर 6 सीटों पर प्रत्याशी उतारे और 4 पर जीत दर्ज की, लेकिन किसी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया।

इस विवाद के बीच RLM में असंतोष बढ़ता दिख रहा है और पार्टी नेतृत्व को इसे संभालने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।


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