भारत अब वैश्विक स्मार्टफोन निर्माण में बड़ी शक्ति बनकर उभर रहा है। खास तौर पर iPhone प्रोडक्शन में भारत की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है, जिससे देश हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग के नए केंद्र के रूप में पहचान बना रहा है। Apple की हालिया फाइलिंग के अनुसार, दुनिया में बनने वाले हर पाँच में से एक iPhone अब भारत में तैयार हो रहा है। साथ ही Apple के कुल ग्लोबल प्रोडक्शन वैल्यू में भारत का योगदान बढ़कर 12% हो गया है, जो भारत की मजबूत तकनीकी क्षमता को दर्शाता है।
फाइलिंग के मुताबिक, Apple India की घरेलू बिक्री वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 9 अरब डॉलर तक पहुँच गई है। हालांकि Apple की कुल वैश्विक आय 416.1 अरब डॉलर है, जिसमें भारत की हिस्सेदारी अभी भी करीब 2% ही है, लेकिन यह हिस्सेदारी लगातार ऊपर जा रही है। एनालिस्ट का कहना है कि iPhone उत्पादन में भारत की बढ़ती भूमिका आने वाले वर्षों में Apple की रणनीति को पूरी तरह बदल सकती है।
Apple ने भारत में पहली बार हाई-एंड iPhone Pro और Pro Max मॉडल का प्रोडक्शन भी शुरू कर दिया है, जिसे कंपनी के ग्लोबल सप्लाई चेन डाइवर्सिफिकेशन का बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे न केवल भारत की टेक्नोलॉजी क्षमता दुनिया के सामने आई है, बल्कि देश की रोजगार संभावनाएँ भी बढ़ी हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में अमेरिकी उपभोक्ताओं ने 178.4 अरब डॉलर के Apple प्रोडक्ट खरीदे, जो कंपनी की कुल आय का 43% है। वहीं भारत से अमेरिका को iPhone शिपमेंट में तेज़ उछाल देखने को मिल रहा है, जो देश की मैन्युफैक्चरिंग गुणवत्ता को दर्शाता है।
Apple की आय में यूरोप 26.7% और ग्रेटर चीन 15.4% हिस्सेदारी के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। पिछले दस सालों में Apple India की आय लगभग 8 गुना बढ़ी है, जिसमें iPhone, मैकबुक, iPad, AirPods और एक्सेसरीज़ की बड़ी भूमिका है। भारत की सर्विसेज से आय अभी कम है, लेकिन विकास की संभावनाएँ अत्यधिक हैं।
