दिल्ली में लाल किले के पास हुए हालिया बम ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार किए गए डॉक्टर मुजम्मिल शकील की इंटरोगेशन रिपोर्ट सामने आने के बाद कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं। पुलवामा के कोइल इलाके का रहने वाला डॉक्टर मुजम्मिल फरीदाबाद के अल-फला अस्पताल में चीफ मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत था और सालाना लगभग 9 लाख रुपये का वेतन प्राप्त करता था। इतनी स्थिर जीवनशैली और बेहतर करियर होने के बावजूद वह आतंकी गतिविधियों की तरफ कैसे बढ़ा, इस पर रिपोर्ट ने महत्वपूर्ण सुराग दिए हैं।
10 नवंबर 2025 को श्रीनगर के पंथाचौक थाने में उससे पूछताछ की गई। गिरफ्तारी फरीदाबाद के धौज इलाके से हुई, जहां से पुलिस को हथियार, गोलियां, केमिकल पाउडर, टाइमर, रिमोट और IED तैयार करने का पूरा सामान भी बरामद हुआ। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह सामान बड़े पैमाने पर किसी बड़ी आतंकी साजिश का हिस्सा था।
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 में उसके करीबी दोस्त मुफ्ती इरफान वागे ने उसे कट्टरपंथ और आतंकी गतिविधियों की ओर प्रेरित करना शुरू किया। वागे की गिरफ्तारी भी इस मामले में हो चुकी है। इसके अलावा उसका एक और दोस्त, कुख्यात आतंकी मुजामिल तंत्रे, लगातार उसे इस रास्ते पर आगे धकेलता रहा। बताया जाता है कि 2021 में मुजामिल तंत्रे की तबीयत बिगड़ने पर डॉक्टर मुजम्मिल ने उसे दवाई भी सुझाई थी, जिससे दोनों के बीच संबंध और मजबूत हुए।
साल 2023-24 में IED और अन्य हथियारों की व्यवस्था फरार आरोपी डॉक्टर उमर नबी करता था, लेकिन पैसे जुटाने में कई लोग शामिल थे। इंटरोगेशन रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मुजम्मिल आतंकी नेटवर्क के संपर्क में आने के बाद धीरे-धीरे उनके लिए लॉजिस्टिक और मेडिकल सपोर्ट उपलब्ध कराने लगा।
दिल्ली ब्लास्ट केस में यह खुलासे सुरक्षा एजेंसियों के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं और इससे बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश होने की संभावना जताई जा रही है।
