अरवल। नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम जिंदपुरा वार्ड नंबर 11 में जीनोद्धार कार्य को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने नगर प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वार्ड में मौजूद सार्वजनिक स्थल का जिरनोद्धार पूरी तरह से स्थानीय जनता के सहयोग और चंदा संग्रह से किया गया है, लेकिन इसके बावजूद नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी एवं कनिष्ठ अभियंता ने मात्र रंग-रोगन कर करीब 1 लाख 25 हजार रुपये का प्राक्कलन तैयार कर राशि निकासी की तैयारी शुरू कर दी है।
ग्रामीणों के अनुसार, यह पूरा जिरनोद्धार कार्य उन्होंने अपने संसाधनों और श्रमदान से पूरा किया था। बावजूद इसके नगर परिषद द्वारा तैयार किए गए प्राक्कलन में ऐसे खर्च को दिखाया गया है, जो वास्तविकता से बिल्कुल अलग है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने बिना किसी भौतिक सत्यापन के केवल कागज़ों पर काम दिखाकर सरकारी धन के दुरुपयोग की कोशिश की है।
ग्रामीणों ने कहा कि नगर परिषद की ओर से किया गया यह प्राक्कलन न केवल संदिग्ध है, बल्कि सरकारी धन के गलत उपयोग का सीधा मामला भी बनता है। वार्ड नंबर 11 के निवासियों का कहना है कि जब पूरा काम पहले से ही पूरा हो चुका है, तो फिर नगर परिषद द्वारा लाखों की राशि खर्च दिखाना भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से जिला प्रशासन से तत्काल जांच कराने, प्राक्कलन की सत्यता की पड़ताल करने और संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जांच नहीं होती है, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
इस मामले पर जिला प्रशासन की प्रतिक्रिया का ग्रामीणों को इंतजार है। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जांच के बाद पूरे प्रकरण की सच्चाई सामने आएगी और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित होगी।
