रूस और यूक्रेन के बीच पिछले तीन वर्षों से जारी युद्ध नए मोड़ पर पहुंच गया है। अमेरिका द्वारा हाल ही में पेश किए गए नए शांति प्रस्ताव पर पहली बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का बयान सामने आया है। जहां यूक्रेन ने इस मसौदे को लेकर उत्साह नहीं दिखाया है, वहीं पुतिन ने इस प्रस्ताव को सिद्धांत रूप से स्वीकार कर लिया है। उनका कहना है कि यह प्लान यूक्रेन में स्थायी शांति की दिशा में एक आधार बन सकता है।
रूसी सुरक्षा परिषद की बैठक में पुतिन ने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा, “मेरा मानना है कि इसे अंतिम शांतिपूर्ण समझौते के आधार के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।” उनका यह भी कहना था कि 28-बिंदुओं वाले इस मसौदे पर अभी अमेरिका से विस्तृत बातचीत नहीं हुई है, लेकिन रूस को इसका दस्तावेज मिल चुका है।
पुतिन ने आरोप लगाया कि अमेरिकी सरकार यूक्रेन की सहमति लेने में अब तक नाकाम रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “अगर यूक्रेन राष्ट्रपति ट्रंप के प्रस्ताव पर बातचीत करने से मना करता है, तो कुपियांस्क जैसी घटनाएं युद्ध के अन्य सेक्टरों में भी दोहराई जाएंगी।”
क्या है नया शांति प्रस्ताव?
अमेरिका द्वारा तैयार किया गया यह प्रस्ताव रूस और अमेरिका के बीच हुई चर्चा का परिणाम बताया जा रहा है। यूक्रेन को इसमें शामिल नहीं किया गया, इसलिए मसौदा रूस के हित में झुका हुआ माना जा रहा है। प्रस्ताव के अनुसार,
यूक्रेन को अपनी सैन्य क्षमता आधी करनी होगी,
कई अहम हथियारों का त्याग करना होगा,
अमेरिका और उसके सहयोगी क्रीमिया और डोनबास को रूस का हिस्सा मान सकते हैं,
रूस को जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र से उत्पादित आधी बिजली उपयोग करने की अनुमति मिलेगी।
यूक्रेन की प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि उनकी टीमें अमेरिका के साथ मिलकर प्रस्ताव के बिंदुओं की समीक्षा करेंगी। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि जमीन छोड़ने जैसी किसी भी मांग पर यूक्रेन सहमत नहीं होगा। यूरोपीय देशों ने भी इस योजना का विरोध किया है, यह कहते हुए कि इससे पुतिन की आक्रमकता को ही बढ़ावा मिलेगा।
