कलेर/अरवल। प्रखंड क्षेत्र के ग्राम हृदयचक स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (एपीएचसी) की स्थिति दिनोंदिन बदतर होती जा रही है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि विभागीय उदासीनता के कारण यह केंद्र अब केवल औपचारिकता निभाने वाला अस्पताल बनकर रह गया है।
गौरतलब है कि इस स्वास्थ्य केंद्र में पहले एक एएनएम और यूनानी डॉक्टर पदस्थापित थे, जिनके सहारे मरीजों को इलाज की सुविधा मिलती थी। इसी वर्ष फरवरी में केंद्र को नया भवन भी मिला, लेकिन यूनानी डॉक्टर को हटाकर होम्योपैथिक डॉक्टर की नियुक्ति कर दी गई। वर्तमान में एक एएनएम और एक आयुष डॉक्टर के भरोसे ही पूरा स्वास्थ्य केंद्र संचालित हो रहा है।
हृदयचक के अलावा परशुरामपुर, मिर्जाबीघा, सुखी बीघा, अयोध्या बीघा और करण बीघा समेत कई गांवों के मरीज इलाज के लिए यहां आते हैं। लेकिन उचित चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने के कारण उन्हें 6 किलोमीटर दूर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कलेर का रुख करना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि सिक्स बेड अस्पताल और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन काउंटर केवल शोभा की वस्तु बनकर रह गए हैं।
इस संबंध में प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नंद बिहारी शर्मा ने बताया कि विभागीय निर्देशानुसार अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र जयपुर, मसदपुर और चंदा को छोड़कर सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुष डॉक्टर की ही नियुक्ति की गई है।
ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि हृदयचक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की स्थायी नियुक्ति के साथ-साथ समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए, ताकि मरीजों को भटकना न पड़े।
रिपोर्ट सतवीर सिंह
