कुर्था (अरवल)। ग्रामीण क्षेत्रों में यात्रियों को धूप, बारिश और गर्मी से राहत दिलाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा लाखों रुपए की लागत से बने यात्री शेड आज अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुके हैं। स्थिति यह है कि जिन शेडों का निर्माण आमजनों की सुविधा के लिए किया गया था, वहीं अब भूसा, जलावन और अन्य सामान रखकर कब्जा जमा लिया गया है।
कुर्था प्रखंड क्षेत्र के कई गांवों में बने यात्री शेड पर स्थानीय लोग मवेशियों का चारा रखते हैं तो कहीं जलावन और घरेलू सामान रखकर उसे गोदाम में तब्दील कर दिया गया है। कई जगह तो ग्रामीण महिलाएं शेड की दीवारों पर उपले (गोबर के कंडे) साट रही हैं, जिससे यात्री शेड गंदगी और प्रदूषण का शिकार हो गए हैं।
लोगों का कहना है कि लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए यात्री शेड अब यात्रियों के किसी काम नहीं आ रहे हैं। मजबूरन लोगों को सड़क किनारे पेड़ के नीचे ही धूप से बचने के लिए ठहरना पड़ता है।
बताते चलें कि कुर्था प्रखंड के कुर्था बस स्टैंड, प्रतापपुर, विष्णु बीघा, लारी जमालपुर मोड़, तकिया गांव, केमदारचक गांव समेत कई जगहों पर बने यात्री शेड पूरी तरह से अतिक्रमण की जद में हैं। हैरानी की बात यह है कि इस पूरे मामले पर न तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों की नजर पड़ी है और न ही अधिकारियों ने अब तक कोई कार्रवाई की है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इन यात्री शेडों को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाए ताकि यात्रियों को सरकार द्वारा बनाई गई सुविधा का लाभ मिल सके।
रिपोर्ट सतवीर सिंह
