अरवल। जिले के स्थापना दिवस के 25वें वर्षगांठ पर अरवल की जनता ने एक बार फिर रेलवे लाइन की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद की। मुख्य संयोजक मनोज सिंह यादव के नेतृत्व में "रेलवे संघर्ष समिति" के बैनर तले आक्रोश मार्च निकाला गया।
मार्च में जिले के विभिन्न प्रखंडों से पहुंचे बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार से बिहटा–अरवल–औरंगाबाद रेलवे लाइन के निर्माण कार्य को शीघ्र शुरू करने की मांग की।
मार्च में प्रमुख रूप से धनंजय कुमार, मंटू कुमार यादव, रजनीश कुमार, चंद्रकांत कुमार, रामचंद्र राजवंशी, युवा नेता डिंपल यादव, रोशन कुमार, बिट्टू पासवान, प्रफुल्ल दास एवं अन्य कार्यकर्ता शामिल रहे।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पिछले 12 वर्षों से जनता रेलवे लाइन की मांग को लेकर संघर्ष कर रही है, लेकिन अब तक धरातल पर कोई कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
याद रहे कि 17 अप्रैल 2023 को केंद्र सरकार ने करीब 3 करोड़ रुपये की लागत से नए सर्वे और डीपीआर तैयार कराने के लिए टेंडर जारी किया था। इसके बाद 17 अप्रैल 2025 को तैयार डीपीआर रेल भवन भेजा गया।
सरकार ने दो चरणों में कुल 120 किमी रेलवे लाइन को मंजूरी दी है। पहले चरण में औरंगाबाद से अनुग्रह नारायण नगर तक 13 किमी रेलखंड के लिए 444 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए, जबकि दूसरे चरण में 107 किमी के लिए मंजूरी दी गई है। इसके बावजूद अभी तक कोई काम शुरू नहीं हुआ है।
मुख्य संयोजक मनोज सिंह यादव ने कहा कि “अरवल जिला बने 25 वर्ष हो गए, लेकिन रेलवे लाइन का सपना अभी भी अधूरा है। जब तक जिले को रेल मार्ग से नहीं जोड़ा जाता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।”
रिपोर्ट सतवीर सिंह