अरवल। 6 अगस्त को जेल से रिहा होने के बाद भाकपा माले के विधायक कॉ. महानंद सिंह का 7 अगस्त को जहानाबाद से अरवल लौटने पर इंडिया गठबंधन के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ऐतिहासिक स्वागत किया। जैसे-जैसे काफिला आगे बढ़ा, कारों की संख्या बढ़ती गई और एक विशाल कारवां का रूप ले लिया। अरवल प्रवेश से पहले किंजर में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और शहीद जगदेव प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया।
अरवल पहुंचने पर कार्यकर्ताओं और आम जनता ने फूल-मालाओं से उनका जोरदार अभिनंदन किया। इसके बाद एक जनसभा और संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें राजद, कांग्रेस, भाकपा, भाकपा माले, VIP, SUCI सहित इंडिया गठबंधन के तमाम नेताओं ने भाग लिया।
जनसभा को संबोधित करते हुए विधायक कॉ. महानंद सिंह ने कहा,
"जनता के सवाल उठाना अपराध नहीं है, आंदोलन पर रोक लगाना तानाशाही है। कोर्ट को गुमराह कर मुझे फरार घोषित करना भाजपा-जदयू सरकार की साजिश है। मैं लगातार विधानसभा सत्र, जिला स्तरीय बैठकों और जनता के बीच उपस्थित रहा हूं।"
महानंद सिंह ने साफ किया कि 2001 के केस में जमानत रद्द और कुर्की की कोई सूचना उन्हें नहीं दी गई। कोर्ट को सच्चाई बताने के बाद ही उन्हें दो दिन की न्यायिक हिरासत के बाद जमानत मिली।
उन्होंने कहा,
"जेल भेजकर हमें डराया नहीं जा सकता। हमारी लड़ाई लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की है। जब तक जनता के अधिकारों पर हमला होता रहेगा, हम सड़क से सदन तक संघर्ष जारी रखेंगे।"
पत्रकारों से बात करते हुए इंडिया गठबंधन के नेताओं ने कहा कि यह पूरा प्रकरण सत्ता पक्ष की साजिश है ताकि आगामी चुनाव में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को कमजोर किया जा सके।
नेताओं ने कहा कि
"भाजपा-जदयू सरकार आंदोलन को रोकने, गरीबों-दलितों-अल्पसंख्यकों के मताधिकार खत्म करने की साजिश रच रही है। चुनाव आयोग के माध्यम से एसआईआर के जरिए वोटर लिस्ट से नाम काटने का षड्यंत्र चल रहा है, जिसे हर हाल में नाकाम करना होगा।"
इस अवसर पर भाकपा माले जिला सचिव जितेंद्र यादव, राजद जिला अध्यक्ष जगजीवन राम, घनश्याम वर्मा, कांग्रेस के निसार अंसारी, सीपीआई के दिनानाथ सिंह, वीआईपी के सुभाष सिंह, एसयूसीआई के अजय कुमार, देवीलाल, शोएब आलम, उमेश पासवान, अखिलेश पासवान सहित अनेक नेता उपस्थित थे।
रिपोर्ट सतवीर सिंह