भाकपा माले का अमेरिका और मोदी सरकार के खिलाफ प्रतिवाद मार्च, कहा – "ट्रंप के सामने मोदी ने घुटने टेक दिए, यह देश की आज़ादी पर हमला है"

Satveer Singh
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अरवल। भाकपा (माले) ने आज अरवल में एक जोरदार प्रतिवाद मार्च निकाला, जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत की संप्रभुता पर हमले और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को देश की आज़ादी के लिए खतरा बताया गया। यह मार्च माले कार्यालय से शुरू होकर अरवल प्रखंड मुख्यालय तक गया, जहां प्रतिवाद सभा का आयोजन किया गया।

सभा को संबोधित करते हुए अरवल विधायक महानंद सिंह ने कहा कि ट्रंप द्वारा भारतीय उत्पादों पर 25% निर्यात कर लगाने, रूस से हथियार और तेल खरीद पर जुर्माना लगाने की धमकी, और अपनी मर्जी से आयात करने की बात कहना भारत की स्वायत्तता पर सीधा हमला है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को अमेरिकी दबाव के सामने आत्मसमर्पण बताया।
महानंद सिंह ने कहा,“हम आज़ाद देश हैं और हमें यह तय करने का अधिकार है कि हम किससे व्यापार करेंगे। लेकिन ट्रंप की धमकी के बाद भी मोदी एक शब्द नहीं बोले। यह गुलामी की निशानी है।”

उन्होंने आगे कहा कि भारत-पाक सीमा पर सीजफायर जैसे मुद्दों पर ट्रंप की बार-बार की दखलअंदाजी और अमेरिका में भारतीय प्रवासी मजदूरों के साथ अमानवीय व्यवहार पर भी मोदी की खामोशी शर्मनाक है। "दूसरे देशों के नेता ट्रंप को जवाब दे सकते हैं, लेकिन मोदी की घिघि बंध जाती है। ऐसे डरपोक प्रधानमंत्री को गद्दी पर रहने का कोई हक नहीं," उन्होंने जोड़ा।

इस अवसर पर भाकपा माले के जिला सचिव जितेंद्र यादव ने भी सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि 
“SIR के जरिए गरीबों, दलितों और कमजोर वर्गों के नाम काटकर लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है। यह सिर्फ गरीबों को गुलाम बनाने की साजिश नहीं, बल्कि भारत को अमेरिका के अधीन करने की तैयारी है।”

प्रदर्शन और सभा में रविंद्र यादव, मधेश्वर प्रसाद, सुरेंद्र प्रसाद, उमेश पासवान, राम कुमार सिंह, रामाकांत कुमार उर्फ टुन्ना, मिथिलेश यादव, सुएब आलम, महेश यादव, प्रमोद दास समेत कई कार्यकर्ता शामिल हुए।

रिपोर्ट: सतवीर सिंह 

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