भागलपुर। गंगा कटाव से प्रभावित मासाडू गांव के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर पिछले पांच दिनों से आमरण अनशन पर बैठे आशीष मंडल की तबीयत रविवार को अचानक बिगड़ गई। आंदोलन को उन्होंने "जितिया अनशन" नाम दिया था, जिसे वे पूरी निष्ठा और दृढ़ता से चला रहे थे।
तबीयत बिगड़ने की खबर मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने तुरंत एंबुलेंस की व्यवस्था कर उन्हें भागलपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल मायागंज में भर्ती कराया। फिलहाल डॉक्टरों की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है।
आशीष मंडल गोपालपुर के वर्तमान विधायक गोपाल मंडल के पुत्र हैं। वे कटाव पीड़ितों को न्याय और समुचित मुआवजा दिलाने के लिए पिछले पांच दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे। उनका कहना था कि जब तक पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिलेगा, वे अनशन नहीं तोड़ेंगे।
स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया है। शंकरपुर के पूर्व मुखिया राजेश मंडल ने कहा, “कटाव पीड़ित वर्षों से उपेक्षा झेल रहे हैं। आशीष मंडल का यह कदम स्वागतयोग्य है। जब तक पीड़ितों को उनका हक नहीं मिलेगा, आंदोलन जारी रहेगा।”
प्रशासन की ओर से बातचीत के संकेत जरूर मिले हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस घोषणा नहीं की गई है। पीड़ितों का कहना है कि अब केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई चाहिए।
यह आंदोलन क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और आम जनता कटाव पीड़ितों को राहत दिलाने की इस मुहिम को पूरी तरह से समर्थन दे रही है।