रिपोर्टर:- सतवीर सिंह
अरवल। 26 जून 2025 को कुर्था विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक और बिहार के जाने-माने समाजसेवी सत्यदेव सिंह उर्फ सत्यदेव कुशवाहा का आज निधन हो गया। उन्होंने पटना के पारस हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
20 जून 1950 को औरंगाबाद जिले के भीमलीचक गांव में रामानंद सिंह के घर जन्मे सत्यदेव सिंह के पिता कृषक थे। उन्होंने अपनी शिक्षा टेकारी कॉलेज (मगध विश्वविद्यालय, बोधगया) से प्राप्त की। राजनीति में उन्होंने वर्ष 1974 में कदम रखा और लोक दल, जनता पार्टी, जनता दल, राष्ट्रीय जनता दल और अंततः जनता दल (यूनाइटेड) जैसे कई दलों से जुड़े रहे।
1984 के सिख विरोधी दंगों के समय वे बोकारो स्टील सिटी में रह रहे सिख समुदाय के समर्थन में आगे आए और हजारों लोगों की जान बचाई। इस साहसिक कार्य के लिए 1986 में उन्हें दिल्ली के मॉडल टाउन गुरुद्वारे में सम्मानित किया गया। हालांकि, इसके लिए तत्कालीन सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर प्रताड़ित भी किया।
1998 में उन्होंने औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद 2010 में वे कुर्था विधानसभा सीट से जीतकर बिहार विधानसभा पहुंचे और 2015 में दोबारा इस सीट से विधायक निर्वाचित हुए।
अपने जनहितैषी कार्यों और सहज व्यवहार के लिए वे "पुलिया बाबा" के नाम से प्रसिद्ध थे। उनके द्वारा क्षेत्र में कराए गए विकास कार्य, विशेषकर पुल-पुलियों के निर्माण ने उन्हें यह उपनाम दिलाया।
सत्यदेव सिंह का जाना न केवल कुर्था, बल्कि बिहार की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। राजनीतिक और सामाजिक जीवन में उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।
विनम्र श्रद्धांजलि। शत् शत् नमन। 🙏