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UPS पर कर्मचारियों का भरोसा कमजोर! 23 लाख में से सिर्फ 1.22 लाख ने चुनी यूनिफाइड पेंशन योजना

केंद्र सरकार ने लोकसभा में बड़ा खुलासा किया है। 30 नवंबर 2025 तक यूनिफाइड पेंशन योजना (UPS) को सिर्फ 1,22,123 कर्मचारियों और पेंशनर्स ने ही चुना है। इसमें मौजूदा कर्मचारी, नए जॉइन करने वाले और रिटायर्ड कर्मचारी सभी शामिल हैं। जबकि अनुमान था कि करीब 23 लाख केंद्रीय कर्मचारी इसके दायरे में आएंगे।

सरकार ने UPS अपनाने की अंतिम तिथि दो बार बढ़ाई—पहले 30 जून से 30 सितंबर और फिर 30 नवंबर 2025 तक। इसके बावजूद कमजोर प्रतिक्रिया ने साफ कर दिया है कि कर्मचारी अभी भी इस योजना को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं। माना जा रहा था कि सरकार फिर से डेडलाइन बढ़ाएगी, लेकिन कम संख्या ने ‘वेट एंड वॉच’ की सच्चाई उजागर कर दी।

UPS बनाम NPS: भरोसे की जंग

UPS को NPS के विकल्प के तौर पर पेश किया गया था, जिसे OPS जैसी गारंटीड पेंशन देने वाला बताया गया। यह योजना उन कर्मचारियों पर लागू है जिन्होंने 1 अप्रैल 2025 से पहले सेवा जॉइन की थी। अगर राज्य सरकारें भी इसे अपनातीं तो लाभार्थियों की संख्या 90 लाख तक पहुंच सकती थी, लेकिन आठ महीने में सिर्फ 1.22 लाख का चयन बड़ा संकेत है।

सरकार ने दी ‘एक बार’ की राहत

कर्मचारियों की शंकाओं को देखते हुए सरकार ने राहत दी है। जो कर्मचारी UPS चुन चुके हैं, वे एक बार फिर NPS में लौट सकते हैं

  • रिटायरमेंट से 12 महीने पहले
  • स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति से 3 महीने पहले
  • या इस्तीफे के समय

हालांकि यह सुविधा बर्खास्तगी, दंडात्मक रिटायरमेंट या अनुशासनात्मक मामलों में नहीं मिलेगी। और एक बार फैसला बदलने के बाद दोबारा बदलाव संभव नहीं होगा।

पेंशन नियमों में चौंकाने वाली शर्त

UPS के तहत—

  • 25 साल सेवा पर आखिरी 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का 50% पेंशन
  • 10 साल सेवा पर ₹10,000 न्यूनतम पेंशन
  • कर्मचारी की मृत्यु के बाद परिवार पेंशन सिर्फ कानूनी जीवनसाथी को, वह भी कर्मचारी पेंशन का 60%
  • जीवनसाथी न होने पर बच्चों को पेंशन नहीं—यह नियम कई कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है।

निष्कर्ष

कम चयन संख्या बताती है कि UPS अभी कर्मचारियों का भरोसा नहीं जीत पाई है। गारंटी के दावे के बावजूद शर्तें और सीमाएं कर्मचारियों को सोचने पर मजबूर कर रही हैं। आने वाले समय में सरकार क्या बदलाव करती है, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।

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