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Japan Megaquake Warning: जापान में महाभूकंप का खतरा, मौसम एजेंसी ने जारी किया सबसे ऊंचा अलर्ट — 7.5 के झटके के बाद पूरे सप्ताह हाई अलर्ट

टोक्यो/होक्काइडो। जापान इस सप्ताह गंभीर प्राकृतिक खतरे का सामना कर सकता है। जापान की मौसम एजेंसी (Japan Meteorological Agency – JMA) ने आधिकारिक रूप से देश में ‘मेगाक्वेक’ यानी 8.0 या उससे अधिक तीव्रता वाले महाभूकंप की चेतावनी जारी कर दी है। यह चेतावनी स्तर अब तक का सबसे ऊंचा है और 2022 में नई अलर्ट प्रणाली शुरू होने के बाद पहली बार इस स्तर की चेतावनी जारी की गई है।
यह निर्णय सोमवार को ओमोरी तट पर आए 7.5 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप और उसके बाद महसूस किए गए दर्जनों झटकों के मद्देनज़र लिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह भूकंप उस बड़े भू-वैज्ञानिक दबाव का संकेत हो सकता है, जो किसी भी समय एक विनाशकारी मेगाक्वेक में बदल सकता है।

क्या है मेगाक्वेक और क्यों है इतना खतरनाक?

जापानी मौसम एजेंसी के अनुसार ‘मेगाक्वेक’ वह भूकंप होता है जिसकी तीव्रता 8.0 या उससे ऊपर हो। ऐसे भूकंप बेहद दुर्लभ होते हैं, लेकिन जब आते हैं तो बड़ी तबाही छोड़ जाते हैं।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि मेगाक्वेक आता है तो यह:

  • होक्काइडो से चिबा तक पूरे प्रशांत तटीय इलाके को हिला सकता है
  • 10–15 फीट तक विशाल सुनामी लहरें पैदा कर सकता है
  • तटीय शहरों, बंदरगाहों और औद्योगिक इलाकों को नुकसान पहुंचा सकता है
  • लाखों लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने की जरूरत पड़ेगी

जापान दुनिया के सबसे सक्रिय फ़ॉल्ट-ज़ोन पर स्थित है, जहां चार टेक्टॉनिक प्लेटें मिलती हैं। मौसम एजेंसी का कहना है कि सोमवार का भूकंप भी इन्हीं प्लेटों की बढ़ती हलचल का परिणाम है।


लोगों को तुरंत तैयारी करने के निर्देश

सरकारी एजेंसियों ने प्रशांत तट (Pacific Coast) पर बसे लाखों लोगों को पूरे सप्ताह हाई-अलर्ट पर रहने की सलाह दी है।
अधिकारियों ने कहा है कि मेगाक्वेक “किसी भी समय” आ सकता है, इसलिए लोग निम्नलिखित तैयारी अभी से कर लें:

1. निकासी मार्गों की समीक्षा

अपने घर, दफ्तर और आसपास के क्षेत्रों से इमरजेंसी एग्ज़िट रूट याद कर लें। कई क्षेत्रों में निकासी मैप भी जारी किए गए हैं।

2. घर के भारी सामानों को बांधे

भूकंप के दौरान भारी अलमारी, फ्रिज, टीवी या बुकशेल्फ गिरने से सबसे ज्यादा चोटें लगती हैं। इसलिए इन्हें दीवार से सुरक्षित बांधने के आदेश दिए गए हैं।

3. 3–7 दिनों का खाना-पानी स्टॉक

आपदा के बाद बिजली, पानी और गैस सप्लाई बंद हो सकती है। इसलिए सरकार ने हर घर में कम से कम:

  • पीने का पानी
  • रेडी-टू-ईट खाना
  • दवाइयाँ
  • टॉर्च
  • पावर बैंक
  • पोर्टेबल सैनिटेशन किट

जमा रखने को कहा है।

4. परिवार के लिए इमरजेंसी प्लान बनाएं

अगर फोन नेटवर्क बंद हो जाए, तो परिवार कहाँ मिलेगा? कौन किसके साथ रहेगा? यह सब पहले से तय कर लेने के निर्देश दिए गए हैं।


प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची की सख्त चेतावनी

जापान की प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए लोगों से सतर्क रहने और सभी आपातकालीन निर्देशों का पालन करने की अपील की।

उन्होंने कहा:

“सोमवार के भूकंप के कारण, होक्काइडो से सानरिकु अपतटीय क्षेत्र में बड़े भूकंप की संभावना सामान्य समय की तुलना में कहीं अधिक है। नागरिक तुरंत आपदा-निरोधक उपाय अपनाएं। हमारी सरकार लोगों की जान को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।”

प्रधानमंत्री ने बताया कि:

  • तटरक्षक बल
  • फायर डिपार्टमेंट
  • मेडिकल रेस्क्यू टीम
  • पुलिस और सेना

सभी को पूर्ण तत्परता में रखा गया है। सरकार ने समुद्र, एयरपोर्ट और हाईवे नियंत्रण केंद्रों को भी हाई-अलर्ट पर रहने के आदेश दिए हैं।


सोमवार का 7.5 तीव्रता का भूकंप — क्या हुआ?

सोमवार शाम जापान के ओमोरी तट पर अचानक तेज कंपन महसूस किए गए। कुछ ही सेकंड में भूकंप की तीव्रता 7.5 बताई गई, जो किसी भी देश के लिए एक बड़ा झटका माना जाता है।

इस भूकंप से हुए प्रमुख प्रभाव:

  • कम से कम 33 लोग घायल हुए
  • घरों और दुकानों में सामान बुरी तरह गिरा
  • सड़कों में दरारें आईं
  • तटीय क्षेत्रों में 7–27 इंच ऊंची सुनामी लहरें दर्ज की गईं
  • विशेषज्ञों ने चिंता जताई कि अगर झटका थोड़ा और गहरा होता तो लहरें 10 फीट तक पहुंच सकती थीं
  • 90,000 से अधिक लोगों को तुरंत निकासी शिविरों में भेजा गया

जापान की रेल सेवा, बुलेट ट्रेन और तटीय एक्सप्रेसवे को कुछ घंटों के लिए रोकना पड़ा। कई क्षेत्रों में बिजली गुल रही और इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रभावित हुई।


पूरे सप्ताह आफ्टरशॉक्स का खतरा

मौसम एजेंसी का कहना है कि सोमवार का भूकंप “मुख्य घटना का संकेत” हो सकता है या फिर उससे जुड़े और बड़े झटके आने की संभावना भी बनी हुई है।

एजेंसी के प्रवक्ता ने कहा:

“आने वाले सप्ताह में दर्जनों मध्यम व तीव्र आफ्टरशॉक्स की संभावना है। लोग जैसे ही कोई झटका महसूस करें, तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाएं।”

जापान में आफ्टरशॉक्स कई दिनों तक, कभी-कभी कई सप्ताह तक जारी रहते हैं।


क्या मेगाक्वेक वास्तव में आ सकता है? विशेषज्ञ क्या कहते हैं?

भूकंप विशेषज्ञों का कहना है कि सोमवार का भूकंप उन क्षेत्रों में आया है जहां पिछले 10 वर्षों से गहरी प्लेट मूवमेंट हो रही थी। यह वही क्षेत्र है जिसे वैज्ञानिक लंबे समय से “महाभूकंप संभावित ज़ोन” बताते रहे हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार:

  • बड़े भूकंप से पहले अक्सर 7+ तीव्रता वाले झटके आते हैं
  • समुद्री प्लेट में बढ़ा हुआ तनाव दर्शाता है कि दबाव बहुत अधिक है
  • 1896 और 1933 के मेगाक्वेक भी ऐसे ही चेतावनियों के बाद दर्ज किए गए थे

हालाँकि वैज्ञानिक यह नहीं बता सकते कि मेगाक्वेक कब आएगा, लेकिन उनका कहना है कि संभावना पहले की तुलना में कई गुना बढ़ चुकी है


निष्कर्ष

जापान इस समय गंभीर प्राकृतिक आपदा के मुहाने पर खड़ा है।
सरकार की ओर से जारी यह मेगाक्वेक चेतावनी सिर्फ औपचारिक घोषणा नहीं, बल्कि एक बड़ा संकेत है कि देश को किसी भी क्षण भारी संकट का सामना करना पड़ सकता है।

लाखों लोग तटीय क्षेत्रों में रहते हैं और ऐसी स्थिति में समय पर सूचना, तैयारी और शांत रहकर सही कदम उठाना ही सबसे बड़ा हथियार है।

सरकार, एजेंसियों और विशेषज्ञों ने सभी नागरिकों से अपील की है:

“अलर्ट रहें, तैयार रहें और सुरक्षित रहें।”


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