अरवल में ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के तहत जागरूकता अभियान शुरू, डीएम ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
अरवल जिले में गुरुवार को जिला पदाधिकारी श्रीमती अभिलाषा शर्मा द्वारा ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के अंतर्गत लैंगिक हिंसा उन्मूलन तथा बाल विवाह मुक्त अरवल के संकल्प को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से विशेष जनजागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस अवसर पर डीएम ने एलईडी प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वाहन जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण कर वीडियो, ऑडियो और दृश्य माध्यमों के जरिए बाल विवाह, घरेलू एवं लैंगिक हिंसा के दुष्परिणाम, बालिकाओं की शिक्षा, सुरक्षा और सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर संदेश प्रसारित करेगा।
लैंगिक हिंसा और बाल विवाह पर डीएम ने ली कड़ी भूमिका
कार्यक्रम के दौरान जिला पदाधिकारी श्रीमती शर्मा ने कहा कि बाल विवाह और लैंगिक हिंसा जैसी सामाजिक कुरीतियाँ समाज के विकास में सबसे बड़ी बाधा हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि बिना जागरूकता के इन समस्याओं का समाधान संभव नहीं है। डीएम ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे इस अभियान से जुड़ें, अपने परिवार व आसपास के लोगों को जागरूक करें और एक सुरक्षित एवं समानतामूलक समाज के निर्माण में सहयोग दें।
उन्होंने कहा कि समाज तब ही प्रगति करेगा जब बेटियों को शिक्षा, सुरक्षा और समान अवसर मिलेगा। डीएम ने यह भी कहा कि प्रशासन बालिकाओं की सुरक्षा और अधिकारों के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और ऐसे अभियानों से बदलाव की रफ्तार और तेज होगी।
अधिकारियों की संयुक्त उपस्थिति ने बढ़ाया अभियान का प्रभाव
कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त श्री शैलेश कुमार, अपर समाहर्ता श्री रवि प्रकाश चौहान, वरीय उपसमाहर्ता श्री गोविन्द मिश्रा और आईसीडीएस परियोजना से जुड़ी अधिकारी श्रीमती माला कुमारी सहित अन्य विभागीय कर्मी भी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने संयुक्त रूप से इस पहल को सराहते हुए कहा कि यह जागरूकता अभियान बालिकाओं को सुरक्षित भविष्य प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
अभियान का उद्देश्य: 'बेटी है तो कल है' संदेश जन-जन तक पहुँचाना
एलईडी प्रचार वाहन जिले के विभिन्न इलाकों में घूमकर न केवल जागरूकता फैलाएगा बल्कि समाज को यह भी संदेश देगा कि बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और समान अधिकार सुनिश्चित करना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। वाहन के माध्यम से बाल विवाह की कानूनी सजा, घरेलू हिंसा से निपटने के उपाय, महिला हेल्पलाइन नंबर और सरकारी योजनाओं की जानकारी भी लोगों तक पहुंचाई जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज के प्रत्येक वर्ग तक यह संदेश पहुंचाना है कि बेटियाँ बोझ नहीं, बल्कि समाज की मजबूती और विकास की नींव हैं। बालिकाओं को शिक्षित और सशक्त बनाकर ही सामाजिक परिवर्तन संभव है।
अंत में जिला पदाधिकारी ने पुनः सभी से अपील की कि वे इस अभियान का हिस्सा बनें और अरवल जिले को पूरी तरह बाल विवाह एवं लैंगिक हिंसा मुक्त बनाने में प्रशासन का साथ दें। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इस अभियान को और मजबूती दी जाएगी ताकि जिले के हर कोने तक जागरूकता का प्रकाश पहुंचे।