अरवल में दत्तक ग्रहण संस्थान का औचक निरीक्षण: बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और सुविधाओं पर जिला प्रशासन सख्त
अरवल | बिहार सरकार द्वारा बच्चों के संरक्षण और दत्तक ग्रहण प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए लगातार निगरानी की जा रही है। इसी कड़ी में अरवल जिले में मंगलवार को एक अहम प्रशासनिक कार्रवाई देखने को मिली, जब जिला पदाधिकारी अरवल श्रीमती अमृषा बैंस ने विशेष दत्तक ग्रहण संस्थान, अरवल का औचक निरीक्षण किया। यह निरीक्षण न केवल औपचारिकता तक सीमित रहा, बल्कि बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, देखभाल और संस्थान की समग्र व्यवस्था का गहन मूल्यांकन किया गया।
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब राज्यभर में बाल संरक्षण संस्थानों की कार्यप्रणाली को लेकर प्रशासन विशेष रूप से सतर्क है। जिला प्रशासन की इस पहल को बच्चों के हित में एक सख्त और सकारात्मक संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
औचक निरीक्षण से मचा हड़कंप, हर रिकॉर्ड की हुई जांच
जिला पदाधिकारी के अचानक पहुंचने से संस्थान में कुछ समय के लिए हलचल का माहौल बन गया। निरीक्षण के दौरान डीएम ने सबसे पहले संस्थान में संधारित मास्टर रजिस्टर, कर्मचारियों की उपस्थिति पंजी और अन्य आवश्यक अभिलेखों का बारीकी से अवलोकन किया।
रिकॉर्ड की जांच के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि सभी दस्तावेज अद्यतन हैं और निर्धारित नियमों के अनुसार रखे गए हैं या नहीं।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि बच्चों से जुड़े किसी भी दस्तावेज में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सीसीटीवी से लेकर आवासीय व्यवस्था तक की परखी गई हकीकत
निरीक्षण के दौरान संस्थान परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की कवरेज और उनकी कार्यशीलता की भी जांच की गई। बच्चों की सुरक्षा को लेकर कैमरों की स्थिति, रिकॉर्डिंग सिस्टम और निगरानी व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया।
इसके साथ ही बच्चों के लिए उपलब्ध आवासीय व्यवस्था, साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय और दैनिक जरूरतों से जुड़ी सुविधाओं का भी जायजा लिया गया। जिला पदाधिकारी ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्चों के रहने की व्यवस्था हर हाल में सुरक्षित, स्वच्छ और मानकों के अनुरूप होनी चाहिए।
बच्चों की सुरक्षा और देखभाल सर्वोच्च प्राथमिकता
निरीक्षण के दौरान डीएम ने साफ शब्दों में कहा कि दत्तक ग्रहण संस्थानों में रह रहे बच्चों का संरक्षण और संवर्धन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि संस्थान में बच्चों की देखरेख से जुड़े सभी निर्धारित मानकों और दिशानिर्देशों का विधिवत अनुपालन हो रहा है।
प्रशासन ने संकेत दिए कि भविष्य में भी इस तरह के औचक निरीक्षण जारी रहेंगे, ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही को समय रहते रोका जा सके।
वर्तमान स्थिति: एक बच्चा आवासित, दत्तक प्रक्रिया जारी
इस अवसर पर सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई राजन कुमार द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में संस्थान में एक बच्चा आवासित है।
उन्होंने बताया कि उस बच्चे की दत्तक ग्रहण प्रक्रिया प्रगति पर है और नियमानुसार सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है।
जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि दत्तक ग्रहण से संबंधित हर कदम पूरी पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ उठाया जाए, ताकि बच्चे का भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल हो सके।
स्वास्थ्य, पोषण और मानसिक विकास पर विशेष निर्देश
निरीक्षण के क्रम में डीएम ने उपस्थित सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, सुरक्षा और मानसिक विकास से जुड़ी व्यवस्थाओं पर विशेष सतर्कता बरती जाए।
उन्होंने कहा कि बच्चों को केवल आवास देना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
इसके साथ ही संस्थान के बारे में आवश्यक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए गए, ताकि जरूरतमंद लोग सही जानकारी प्राप्त कर सकें।
कई विभागों के अधिकारी रहे मौजूद
इस निरीक्षण के दौरान प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मौके पर अस्थि शल्य चिकित्सक-सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी (डीएसपी मुख्यालय), जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (आईसीडीएस), जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शिक्षा विभाग सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी एवं संस्थान के कर्मचारी मौजूद थे।
सभी अधिकारियों ने संयुक्त रूप से संस्थान की कार्यप्रणाली का अवलोकन किया और आवश्यक सुधारों को लेकर आपसी समन्वय पर बल दिया।
प्रशासन का सख्त संदेश: लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त
अरवल जिला प्रशासन की यह कार्रवाई साफ संकेत देती है कि बच्चों से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनदेखी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
विशेष दत्तक ग्रहण संस्थानों की नियमित निगरानी और अचानक निरीक्षण से न केवल व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि आम लोगों का भरोसा भी मजबूत होगा।
निष्कर्ष: बच्चों के हित में मजबूत कदम
कुल मिलाकर, जिला पदाधिकारी अरवल द्वारा किया गया यह औचक निरीक्षण बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा को लेकर प्रशासन की गंभीरता को दर्शाता है।
यह पहल न सिर्फ दत्तक ग्रहण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में अहम है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देती है कि सरकार हर बच्चे के सुरक्षित भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है।
आने वाले दिनों में ऐसे निरीक्षणों से अरवल ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार में बाल संरक्षण व्यवस्था को और अधिक मजबूत किए जाने की उम्मीद है।