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क्रिसमस की खुशियों से गूंज उठा पायस मिशन स्कूल, बच्चों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने जीता दिल


पायस मिशन स्कूल में क्रिसमस पर उल्लास और आस्था का संगम

अरवल जिले के पायस मिशन स्कूल परिसर में मंगलवार, 23 दिसंबर 2025 को क्रिसमस के पावन अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम ने पूरे वातावरण को उल्लास, प्रेम और भाईचारे से भर दिया। प्रभु यीशु मसीह के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में विद्यालय के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपनी प्रतिभा और आत्मविश्वास से ऐसा समां बांधा कि उपस्थित अतिथि, अभिभावक और शिक्षक भाव-विभोर हो उठे।

क्रिसमस केवल एक पर्व नहीं, बल्कि प्रेम, त्याग और मानवता का संदेश देने वाला दिन है। इसी संदेश को आत्मसात करते हुए पायस मिशन स्कूल द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक मूल्यों को सशक्त रूप में प्रस्तुत करता नजर आया।


मुख्य अतिथि की गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

कार्यक्रम का शुभारंभ अरवल जिले की कला एवं संस्कृति पदाधिकारी श्रीमती सुनैना कुमारी की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर मिस्टर लाजरस पास्टर, राजेश्वरी एवं पास्टर राजा अपनी टीम के साथ उपस्थित रहे। सभी अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से केक काटकर प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिवस का उत्सव मनाया गया।

केक कटिंग के पश्चात पास्टर द्वारा विशेष प्रार्थना की गई, जिसमें समाज में प्रेम, सद्भाव और शांति बनाए रखने तथा सभी लोगों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई। प्रार्थना के दौरान पूरा परिसर श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत दिखाई दिया।


बच्चों की प्रस्तुतियों ने बांधा समां, तालियों से गूंज उठा परिसर

सांस्कृतिक कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण विद्यालय के बच्चों द्वारा प्रस्तुत रंगारंग कार्यक्रम रहे। छोटे-छोटे बच्चों ने मंच पर आत्मविश्वास के साथ विभिन्न गीतों पर नृत्य प्रस्तुत किए। “जिंगल बेल”, “स्तुति आराधना”, “आज जीवन में छाएं उमंग”, “मेरे मसीह यीशु राजा आया” जैसे लोकप्रिय और आध्यात्मिक गीतों पर बच्चों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों का दिल जीत लिया।

हर प्रस्तुति में बच्चों की मेहनत, शिक्षकों का मार्गदर्शन और विद्यालय का अनुशासन स्पष्ट झलक रहा था। बच्चों के भाव-भंगिमा, वेशभूषा और तालमेल ने यह साबित कर दिया कि पायस मिशन स्कूल शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक विकास को भी समान महत्व देता है।


अभिभावकों और अतिथियों ने की जमकर सराहना

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अभिभावकों और अतिथियों ने बच्चों की प्रस्तुतियों की खुले दिल से सराहना की। कई अभिभावकों ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम बच्चों के सर्वांगीण विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। मंच पर बच्चों को आत्मविश्वास से प्रदर्शन करते देख अभिभावकों के चेहरे गर्व से खिल उठे।

मुख्य अतिथि श्रीमती सुनैना कुमारी ने भी बच्चों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन बच्चों में कला, संस्कृति और नैतिक मूल्यों को मजबूत करते हैं। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन और शिक्षकों को ऐसे सफल आयोजन के लिए बधाई दी।


प्राचार्या सोनम मिश्रा का प्रेरक संदेश

विद्यालय की प्राचार्या सोनम मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि क्रिसमस का पर्व हमें प्रेम, क्षमा और सेवा का संदेश देता है। उन्होंने बच्चों की प्रस्तुतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज के कार्यक्रम में बच्चों ने जिस आत्मविश्वास और उत्साह के साथ मंच पर प्रदर्शन किया, वह सराहनीय है।

प्राचार्या ने सभी शिक्षकों-शिक्षिकाओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी मेहनत और समर्पण के कारण ही बच्चे इस स्तर तक प्रदर्शन कर पाए हैं। साथ ही उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिवस की अग्रिम शुभकामनाएं भी दीं।


शिक्षकों और स्टाफ की रही महत्वपूर्ण भूमिका

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के शिक्षकों और स्टाफ की भूमिका भी बेहद अहम रही। कार्यक्रम की रूपरेखा से लेकर मंच संचालन और बच्चों की तैयारी तक, हर स्तर पर शिक्षकों ने पूरी निष्ठा से योगदान दिया। समन्वयक प्रेम राजवंश, नीरज कुमार सहित अन्य शिक्षकों ने आयोजन को सुव्यवस्थित और यादगार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


सामाजिक सौहार्द और सांस्कृतिक मूल्यों का संदेश

पायस मिशन स्कूल में आयोजित यह क्रिसमस कार्यक्रम केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और आपसी प्रेम का संदेश भी था। कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि त्योहार हमें जोड़ने का काम करते हैं और बच्चों को बचपन से ही इन मूल्यों से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है।


निष्कर्ष

कुल मिलाकर पायस मिशन स्कूल का यह क्रिसमस समारोह एक सफल, प्रेरणादायक और यादगार आयोजन साबित हुआ। बच्चों की मासूम प्रस्तुतियों, अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति और विद्यालय प्रबंधन की सुचारु व्यवस्था ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया। ऐसे आयोजन न केवल बच्चों के व्यक्तित्व को निखारते हैं, बल्कि समाज में प्रेम, शांति और एकता का संदेश भी देते हैं।

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