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Bihar Election 2025: हार के बाद महागठबंधन में बढ़ी तकरार, चिराग पासवान के दावे से सियासत में हलचल


बिहार चुनाव 2025 के नतीजों ने महागठबंधन को भीतर तक झकझोर दिया है। हार की चोट जैसे अभी भी ताज़ा है—और उसी दरार में अब आरोप-प्रत्यारोप का नया शोर भर गया है। राजद और कांग्रेस, दोनों दल परिणामों की जिम्मेदारी एक-दूसरे पर टालते दिखाई दे रहे हैं, जिससे गठबंधन की कड़ियां और ढीली पड़ती महसूस हो रही हैं। सत्ता से दूर हुई यह राजनीतिक नाव अब अंदर ही अंदर हिलकोरे खा रही है, और हर बयान इसे और अस्थिर कर रहा है।

इसी उथल-पुथल के बीच, केंद्रीय मंत्री और एलजेपी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक तीखा दावा करके सियासी तापमान बढ़ा दिया। उन्होंने कहा कि “बिहार में विपक्ष अब पूरी तरह धराशाई हो चुका है” और कई विधायक इस “डूबती नाव” से निकलने की तैयारी में हैं। उनके अनुसार, महागठबंधन के कई विधायक एनडीए के संपर्क में हैं, जो अपने-अपने क्षेत्रों में विकास की गाड़ी को तेज़ करने की उम्मीद में गठबंधन बदलने पर विचार कर रहे हैं।

चिराग पासवान का यह बयान ऐसे समय में आया है जब महागठबंधन की महत्वपूर्ण बैठक में कांग्रेस के चार विधायक गैरहाज़िर रहे। इस अनुपस्थिति ने राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया है। क्या कांग्रेस के अंदर असंतोष बढ़ रहा है? क्या विधायक भाजपा-नीत एनडीए की ओर झुकाव दिखा रहे हैं? इन सवालों ने सियासी हवा में अनिश्चितता घोल दी है।

कांग्रेस ने फिलहाल किसी भी बड़े बदलाव या असंतोष की पुष्टि नहीं की है, लेकिन राजद और कांग्रेस के बयान एक-दूसरे की ओर इशारा करने लगे हैं। राजद नेताओं का कहना है कि सीट बंटवारे से लेकर चुनावी रणनीति तक कांग्रेस ने कई मोर्चों पर कमजोरी दिखाई, वहीं कांग्रेस का तर्क है कि राजद नेतृत्व ने चुनावी संदेश को प्रभावी ढंग से नहीं चलाया।

बिहार की राजनीति इस समय मानो एक धधकते तवे पर रखे पानी की तरह है—हर क्षण फुफकार, हर क्षण नई शक्ल। आने वाले दिनों में स्थिति और साफ़ होगी कि यह राजनीतिक कंपकंपी महागठबंधन को तोड़ेगी या महज चर्चा बनकर रह जाएगी।


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