बिहार चुनाव में हार के बाद नई मुश्किल: तेज प्रताप यादव पर दो बिजली कनेक्शनों में 7 लाख से अधिक का बकाया, विभाग की रिकवरी तैयारी तेज
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार झेलने के बाद पूर्व मंत्री और जनशक्ति जनता दल (JJD) के प्रमुख तेज प्रताप यादव पर अब एक और बड़ी मुसीबत आ खड़ी हुई है। इस बार मामला बिजली बिल के लाखों रुपये बकाया का है, जिसने उन्हें एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है।
खुलासा हुआ है कि तेज प्रताप यादव के नाम पर दो बिजली कनेक्शनों में कुल मिलाकर 7 लाख रुपये से अधिक का बकाया है, जबकि विभाग के नियमों के अनुसार 25 हजार रुपये से अधिक बकाया होने पर कनेक्शन काट दिया जाना चाहिए। इसके बावजूद बिजली सप्लाई चालू रहना कई सवाल खड़े कर रहा है।
बेउर आवास पर 3.61 लाख रुपये बकाया
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पटना के बेउर स्थित निजी आवास का बिजली बिल 3 लाख 61 हजार रुपये बकाया है। विभागीय रिकॉर्ड बताता है कि इस कनेक्शन (नंबर – 101232456) का आखिरी भुगतान 20 जुलाई 2022 को किया गया था, जब 1,04,799 रुपये जमा किए गए थे।
इसके बाद नवंबर 2025 तक एक भी बिल का भुगतान नहीं हुआ, जिससे बकाया लगातार बढ़ता गया।
दूसरे कनेक्शन पर भी 3.24 लाख रुपये बकाया
बिजली विभाग के डेटा से यह भी सामने आया है कि तेज प्रताप यादव के नाम पर एक और बिजली कनेक्शन (Consumer ID – 010204475009) है, जिसे जुलाई 2012 में लिया गया था।
इस थ्री-फेज अर्बन सप्लाई कनेक्शन पर 2,30,160 रुपये बकाया हैं, जबकि 23,681 रुपये लेट फीस जोड़ने के बाद कुल बकाया 3,24,974 रुपये हो गया है।
बकाया के बावजूद बिजली चालू: प्रश्नचिह्न क्यों?
बिजली कंपनी के नियमों के अनुसार, पोस्टपेड कनेक्शन में 25 हजार रुपये से अधिक बकाया होने पर सप्लाई काट दी जाती है। लेकिन तेज प्रताप के यहां 3 साल से बिल जमा नहीं होने के बावजूद बिजली कटौती नहीं की गई। विभाग अब दोनों कनेक्शनों पर रिकवरी की प्रक्रिया तेज कर रहा है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि में विवाद
यह खुलासा ऐसे समय आया है जब बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की कवायद तेज है। दूसरी ओर तेज प्रताप ने हालिया विधानसभा चुनाव में 51,938 मतों से महुआ सीट पर हार झेली थी। उनकी पार्टी भी राज्य में एक भी सीट नहीं जीत सकी।
बकाया बिजली बिल का यह मामला चुनावी हार के बाद तेज प्रताप यादव की छवि और राजनीतिक भविष्य के लिए नई चुनौती बनकर सामने आया है।