पटना में रेल नेटवर्क का विस्तार: 400 किलोमीटर नई तीसरी-चौथी लाइन बनेगी, मार्च 2026 से शुरू होगा निर्माण कार्य
पटना। बिहार में रेल कनेक्टिविटी को नई रफ्तार देने के लिए एक और बड़े रेल परियोजना को मंजूरी मिल गई है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से पटना जंक्शन और किऊल होते हुए झाझा तक लगभग 400 किलोमीटर तीसरी और चौथी रेल लाइन बिछाई जाएगी। रेलवे बोर्ड ने इस विशाल परियोजना के लिए करीब 17 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान कर दी है। निर्माण कार्य मार्च 2026 से शुरू होने की तैयारी में है।
छह रेल खंडों में होगा निर्माण कार्य
रेलवे ने काम को तेज गति से पूरा करने के उद्देश्य से पूरी परियोजना को छह अलग-अलग रेल खंडों में बांटा है—
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन–दानापुर
- दानापुर–फतुहा
- फतुहा–बख्तियारपुर
- बख्तियारपुर–पुनारख
- पुनारख–किऊल
- किऊल–झाझा
पहले चरण में फतुहा से बख्तियारपुर के बीच 24 किलोमीटर लाइन निर्माण का काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए लगभग 931 करोड़ रुपये की लागत तय की गई है, जिसमें 6.6 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण भी शामिल है।
स्टेबलिंग लाइन हटेगी, बनेगी नई लाइन
बख्तियारपुर से पुनारख के बीच 30 किलोमीटर लाइन निर्माण की मंजूरी 392 करोड़ रुपये की लागत से दी गई है। वहीं पुनारख से किऊल के बीच निर्माण पर लगभग 2514 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। पटना के पास जमीन की कमी को देखते हुए दानापुर से पटना के बीच मौजूदा 2 स्टेबलिंग लाइनों को हटाकर उनकी जगह तीसरी और चौथी लाइन बनाई जाएगी।
कनेक्टिविटी में होगा बड़ा सुधार
पटना और पटना सिटी के बीच जगह की कमी को ध्यान में रखते हुए एक अतिरिक्त लाइन को अप और डाउन दोनों दिशाओं में रिवर्सेबल तरीके से उपयोग में लाया जाएगा। नई लाइनों के निर्माण से न केवल ट्रेन संचालन सुचारू होगा बल्कि शहरों के बीच कनेक्टिविटी भी तेज और आसान होगी। इसके पूरा होने पर बिहार के लाखों यात्रियों को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।