टोल प्लाजा पर नहीं रुकेंगी गाड़ियां! 2026 तक देशभर में लागू होगा AI आधारित डिजिटल टोल सिस्टम
नई दिल्ली। भारत का हाईवे सिस्टम जल्द ही एक बड़े बदलाव की ओर बढ़ने वाला है। आने वाले समय में हाईवे पर सफर करना न सिर्फ तेज होगा, बल्कि पूरी तरह स्मार्ट और झंझट-मुक्त भी हो जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि देशभर में AI आधारित डिजिटल टोल कलेक्शन सिस्टम को वर्ष 2026 के अंत तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
क्या है MLFF टोल सिस्टम?
MLFF यानी मल्टी-लेन फ्री फ्लो टोल सिस्टम एक अत्याधुनिक तकनीक है, जिसके जरिए वाहन बिना रुके टोल प्लाजा पार कर सकेंगे। फिलहाल FASTag से टोल पर रुकने का समय घटकर लगभग 1 मिनट रह गया है, लेकिन MLFF लागू होने के बाद यह समय शून्य सेकेंड हो जाएगा।
AI और नंबर प्लेट से होगी पहचान
नितिन गडकरी के अनुसार यह सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) तकनीक पर आधारित होगा। हाई-टेक कैमरे और सैटेलाइट की मदद से वाहन की पहचान होगी और टोल की राशि अपने-आप खाते से कट जाएगी। खास बात यह है कि वाहन 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भी टोल प्लाजा पार कर सकेंगे।
आम लोगों को मिलेंगे बड़े फायदे
इस नई व्यवस्था से यात्रियों को कई बड़ी राहतें मिलेंगी—
- टोल प्लाजा पर लगने वाला जाम खत्म होगा
- सफर का समय काफी कम होगा
- ईंधन की बचत होगी
- बार-बार रुकने और ब्रेक लगाने की परेशानी नहीं रहेगी
सरकार के मुताबिक, इस सिस्टम से हर साल करीब 1,500 करोड़ रुपये के ईंधन की बचत संभव है।
सरकार की कमाई भी बढ़ेगी
गडकरी ने बताया कि FASTag लागू होने के बाद सरकार की आय में करीब 5,000 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। वहीं MLFF सिस्टम पूरी तरह लागू होने पर टोल कलेक्शन से 6,000 करोड़ रुपये तक अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है। इसके साथ ही टोल चोरी और फर्जीवाड़े पर भी पूरी तरह रोक लगेगी।
पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था
केंद्रीय मंत्री ने साफ कहा कि सरकार का लक्ष्य टोल कलेक्शन को पूरी तरह पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है। हालांकि यह व्यवस्था केवल राष्ट्रीय राजमार्गों पर लागू होगी, राज्य या शहर की सड़कों पर नहीं।
कब तक लागू होगा सिस्टम?
नितिन गडकरी के अनुसार 2026 के अंत तक देशभर में AI आधारित डिजिटल टोल सिस्टम पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद हाईवे पर सफर पहले से कहीं ज्यादा तेज, आसान और बिना किसी रुकावट के होगा।
कुल मिलाकर, आने वाले सालों में भारत का हाईवे सफर एक नई डिजिटल क्रांति की मिसाल बनने जा रहा है, जिससे आम जनता के साथ-साथ सरकार को भी बड़ा फायदा मिलेगा।