बाल सुरक्षा के मोर्चे पर अरवल के लिए यादगार रहा वर्ष 2025
अरवल, बिहार। बाल सुरक्षा और संरक्षण के क्षेत्र में वर्ष 2025 अरवल ज़िले के लिए एक अहम और प्रेरणादायक साल बनकर सामने आया है। जिला प्रशासन, पुलिस, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और समाज के विभिन्न वर्गों के सहयोग से काम करते हुए नागरिक समाज संगठन विकास पथ विक्रम ने बड़ी सफलता हासिल की है। वर्ष भर में संगठन ने करीब 200 बच्चों को बाल विवाह और मानव तस्करी जैसी गंभीर सामाजिक कुरीतियों से सुरक्षित किया।
विकास पथ विक्रम, देशभर में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए सक्रिय जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) नेटवर्क का सहयोगी संगठन है। इस नेटवर्क से जुड़े 250 से अधिक संगठन देश के 451 जिलों में बचाव, संरक्षण और अभियोजन की रणनीति पर काम कर रहे हैं। जेआरसी नेटवर्क के सामूहिक प्रयासों का ही नतीजा है कि 1 जनवरी 2025 से अब तक पूरे देश में 1,98,628 बाल विवाह रोके गए हैं, जबकि 55,146 बच्चों को मानव तस्करी से मुक्त कराया गया है।
इस उपलब्धि पर विकास पथ विक्रम के सचिव सत्येंद्र कुमार शाण्डिल्य ने कहा कि वर्ष 2025 बाल सुरक्षा की दिशा में ऐतिहासिक साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन, पुलिस, जिला बाल संरक्षण इकाई, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, बाल कल्याण समिति, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, ग्राम पंचायतों और शिक्षकों के संयुक्त प्रयासों से ज़मीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव देखने को मिले हैं।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बच्चों को तस्करी या बाल विवाह से मुक्त कराना केवल पहला कदम है। इसके बाद उनका पुनर्वास, शिक्षा से दोबारा जोड़ना और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सरकारी योजनाओं से जोड़ना उतना ही जरूरी है, ताकि बच्चे सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ सकें।
केंद्र सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान के तहत चलाए जा रहे 100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान में भी विकास पथ विक्रम की सक्रिय भूमिका रही है। जिला प्रशासन के साथ मिलकर संगठन धार्मिक नेताओं, विवाह से जुड़े सेवा प्रदाताओं और समुदाय के लोगों को यह संदेश दे रहा है कि बाल विवाह न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि किसी भी धर्म में इसकी अनुमति नहीं है।
इन निरंतर प्रयासों के चलते अरवल ज़िला बाल सुरक्षा के क्षेत्र में एक सकारात्मक और प्रेरक उदाहरण के रूप में उभरकर सामने आया है।