बागपत में कन्या सुमंगला योजना बनी बेटियों की ताकत, 18,911 लाभार्थियों को मिल रही चरणबद्ध आर्थिक सहायता
बागपत। उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी कन्या सुमंगला योजना बागपत जिले की हजारों बेटियों के लिए बड़ा सहारा बनकर उभर रही है। जिले में वर्तमान समय में 18,911 बेटियों को इस योजना के तहत आर्थिक लाभ मिल रहा है। योजना का उद्देश्य बेटियों को जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक आर्थिक रूप से मजबूत करना और समाज में बेटी के सम्मान और सुरक्षा को प्रोत्साहित करना है।
योजना के नियमों के अनुसार, यह लाभ उन्हीं परिवारों को मिलता है जहां बेटी सहित अधिकतम दो ही बच्चे हों। इसी शर्त के आधार पर सभी लाभार्थियों का निरंतर सत्यापन किया जाता है, ताकि पात्रता मानकों का सही-सही पालन सुनिश्चित किया जा सके।
छह चरणों में मिलता है कुल 25,000 रुपये
कन्या सुमंगला योजना के तहत हर पात्र बेटी को सरकार कुल 25,000 रुपये छह अलग-अलग चरणों में प्रदान करती है। हर चरण एक महत्वपूर्ण उपलब्धि, आयु या शैक्षणिक मानदंड पूरा होने पर जारी किया जाता है—
- पहला चरण: बेटी के जन्म पर राशि
- दूसरा चरण: एक वर्ष के भीतर सभी आवश्यक टीकाकरण पूरा होने पर
- तीसरा चरण: कक्षा 1 में प्रवेश
- चौथा चरण: कक्षा 6 में प्रवेश
- पांचवां चरण: कक्षा 9 में प्रवेश
- छठा चरण: बेटी के उच्च शिक्षा जारी रखने पर
सरकार द्वारा प्रत्येक लाभार्थी बेटी के नाम पर बैंक खाता खोला जाता है। तय समय पर इन खातों में सीधे धनराशि ट्रांसफर की जाती है, जिससे राशि की पारदर्शिता और सुरक्षा बनी रहती है।
13,120 बेटियों के लिए अगले भुगतान की तैयारी
जिले में अब 13,120 बेटियों को अगले चरण का भुगतान जारी किया जाना है। इनमें ग्रामीण क्षेत्र की 5,444 और शहरी क्षेत्र की 7,676 बेटियां शामिल हैं। भुगतान जारी करने से पहले लाभार्थियों का पुनः सत्यापन किया जाएगा। अधिकारी घर-घर जाकर सुनिश्चित करेंगे कि योजना में शामिल होने के बाद परिवार में तीसरे बच्चे का जन्म नहीं हुआ है, क्योंकि यह योजना की पात्रता को प्रभावित करता है।
बेटियों के भविष्य को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम
कन्या सुमंगला योजना ने बागपत जिले में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों को नई उम्मीद दी है। जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक मिलने वाली सहायता राशि न केवल बेटियों की शिक्षा में मदद कर रही है, बल्कि सामाजिक सोच में भी सकारात्मक बदलाव ला रही है।