नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की भारी पराजय ने विपक्षी इंडी गठबंधन के भीतर गहरा असंतोष पैदा कर दिया है। चुनाव नतीजों ने विपक्ष की रणनीति और सामंजस्य पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। परिणामों के बाद गठबंधन के कई घटक दल खुलकर कांग्रेस और खासकर उसके नेता राहुल गांधी पर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं। सार्वजनिक मंचों पर सहयोगी दलों का इस तरह से एक-दूसरे पर निशाना साधना विपक्षी एकता की पोल खोल रहा है।
शिवसेना (यूबीटी) का कांग्रेस पर सीधा हमला
शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे राहुल गांधी और कांग्रेस की चुनावी रणनीतियों को लेकर लगातार तंज कस रहे हैं। उनके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें वे गठबंधन की हालत का मजाक उड़ाते दिखाई दे रहे हैं। दुबे का कहना है कि इंडी गठबंधन की स्थिति ऐसी है कि “नाच हम पा नहीं रहे और दोष आंगन-छत पर डाल रहे हैं।” उनका यह व्यंग्य सीधे-सीधे कांग्रेस की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाता है।
आप ने भी किया राहुल गांधी को निशाना
इंडी गठबंधन से दूरी बना चुकी आम आदमी पार्टी भी बिहार चुनाव के बाद राहुल गांधी पर तीखे हमले कर रही है। पार्टी प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि सहयोगी दलों को “रागा टच” से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि राहुल गांधी जिस पार्टी के करीब आते हैं, उसका डूबना तय है। उनके बयान ने विपक्ष में नई बहस छेड़ दी है।
जेएमएम और सपा भी नाखुश
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) पहले ही नाराजगी जता चुका है कि सहयोगियों ने बिहार चुनाव में उसके साथ किए वादे निभाए नहीं। अब खबर है कि जेएमएम इंडी गठबंधन में अपनी भूमिका पर पुनर्विचार कर रहा है। वहीं यूपी की समाजवादी पार्टी भी गठबंधन में अपने योगदान की अनदेखी से नाराज है। सपा का कहना है कि उसने बिहार में महागठबंधन के लिए जमीन तैयार की, लेकिन उसे एक भी सीट नहीं दी गई।
निष्कर्ष
बिहार में हार ने इंडी गठबंधन की एकता और रणनीति दोनों पर बड़े प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। सहयोगियों की बढ़ती नाराजगी इस बात का संकेत है कि विपक्ष को आगे बढ़ने से पहले गंभीर आत्ममंथन करना होगा।
