हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी में बड़ा खुलासा: रात को लाइट जलाकर सोना दिल और दिमाग के लिए हानिकारक

Satveer Singh
0

अक्सर लोग सोने से पहले कमरे की लाइट बंद कर देते हैं, लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो लाइट जलाकर ही सोने की आदत रखते हैं। अब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक नई स्टडी ने साफ कर दिया है कि रात में लाइट ऑन करके सोना सेहत के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। शोध के अनुसार, सोते समय हल्की सी कृत्रिम रोशनी भी शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को प्रभावित कर देती है।

लाइट में सोने से दिमाग हो जाता है सक्रिय
हार्वर्ड के शोधकर्ताओं के मुताबिक, यदि सोते समय आर्टिफिशियल लाइट आंखों पर पड़ती है, तो इससे मस्तिष्क और हृदय दोनों प्रभावित होते हैं। सामान्य परिस्थितियों में नींद के दौरान शरीर की क्रियाएं धीमी हो जाती हैं, लेकिन रोशनी पड़ने से दिमाग सक्रिय बना रहता है। इससे धमनियों में रक्त प्रवाह तेज होने लगता है, जो सीधे दिल पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। यानी हल्की सी रोशनी भी नींद की गुणवत्ता को खराब कर सकती है और दीर्घकाल में हृदय रोग का जोखिम बढ़ा सकती है।

क्यों जलाते हैं लोग लाइट?
कई लोग निक्टोफोबिया यानी अंधेरे के डर से लाइट जलाकर सोते हैं। कुछ लोग तनाव या मानसिक अस्थिरता के कारण रोशनी में अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं। वहीं कई लोग सुविधा के लिए बत्ती जलाए रखते हैं ताकि रात में उठने पर रास्ता साफ दिखाई दे सके। कई लोगों में यह आदत सिर्फ आलस के कारण भी बनी रहती है।

सेहत पर गंभीर असर
हार्वर्ड की स्टडी स्पष्ट रूप से बताती है कि रात को लाइट जलाकर सोना शरीर की प्राकृतिक नींद चक्र को बिगाड़ देता है, जिससे हार्मोनल संतुलन पर भी असर पड़ सकता है। लंबे समय तक ऐसा करने से दिल, दिमाग और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

विशेषज्ञों का सुझाव है कि बेहतर स्वास्थ्य और गहरी नींद के लिए हमेशा कमरे की लाइट बंद करके ही सोना चाहिए।


Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!