How to get maximum millage: कार चलाते समय ज्यादा माइलेज कैसे मिले, यह सवाल लगभग हर ड्राइवर के मन में उठता है। अक्सर लोग इस दुविधा में रहते हैं कि क्या शीशे खोलकर गाड़ी चलाना ज्यादा फायदेमंद है या फिर शीशे बंद करके एयर कंडीशनर का इस्तेमाल करना। विशेषज्ञों का मानना है कि इसका सीधा संबंध आपकी कार की स्पीड से है। माइलेज मुख्य रूप से दो चीजों से प्रभावित होता है—एरोडायनेमिक ड्रैग और AC कंप्रेसर का इंजन पर लोड। किस स्थिति में कौन-सा फैक्टर ज्यादा असर करता है, वही तय करता है कि गाड़ी कितनी फ्यूल-एफिशिएंट चलेगी।
हाई-स्पीड पर (70–80 किमी/घंटा से ऊपर) गाड़ी चलाते समय अगर आप शीशे खोलते हैं, तो कार पर एरोडायनेमिक ड्रैग तेजी से बढ़ जाता है। खुले शीशों से हवा कार के अंदर प्रवेश करती है, जिससे कार के पीछे भारी खिंचाव बनता है। इंजन को इस खिंचाव का मुकाबला करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिसके परिणामस्वरूप फ्यूल की खपत बढ़ जाती है। रिसर्च भी यह बताती है कि हाई-स्पीड पर विंडो ओपन ड्राइविंग सबसे ज्यादा पेट्रोल-डीजल खर्च करवाती है।
दूसरी ओर, जब वाहन धीमी रफ्तार (60 किमी/घंटा से कम) पर चलता है, विशेष रूप से शहर के ट्रैफिक में, तो AC चलाने से इंजन पर अतिरिक्त लोड पड़ता है। AC कंप्रेसर को चलाने के लिए इंजन को अतिरिक्त पावर देनी पड़ती है, जिससे फ्यूल खपत बढ़ती है। हालांकि इस स्पीड पर हवा का खिंचाव कम होता है, इसलिए शीशे खोलकर ड्राइव करना AC चलाने की तुलना में कम नुकसानदायक साबित होता है।
निष्कर्ष साफ है—
हाईवे पर तेज गति से चलते समय शीशे बंद करके AC चलाना माइलेज के लिए बेहतर है, जबकि शहर के भीतर धीमी स्पीड पर शीशे खोलकर ड्राइव करना ज्यादा फायदेमंद रहता है।
ऐसे बढ़ाएं माइलेज:
हाईवे / तेज स्पीड: शीशे बंद रखें, AC चलाएं।
शहर / धीमी स्पीड: शीशे खोलें, AC बंद रखें।
अगर माइलेज आपकी प्राथमिकता है, तो तेज रफ्तार में कभी भी विंडो ओपन ड्राइविंग न करें, क्योंकि यही सबसे ज्यादा फ्यूल खपत का कारण बनती है।
