शहर के विज्ञांता हॉस्पिटल में एक बेहद जटिल और चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है। अस्पताल की विशेषज्ञ टीम ने 45 वर्षीय रमिता देवी के पेट से लगभग 6 किलोग्राम वजनी ओवेरियन सिस्ट (गांठ) निकालकर उनकी जान बचाई। लंबे समय से असहनीय पेट दर्द और बढ़ते हुए पेट के आकार से परेशान रमिता देवी ने कई अस्पतालों में इलाज कराया, लेकिन कोई ठोस निदान नहीं हो पाया। अंततः जब वे विज्ञांता हॉस्पिटल पहुंचीं, तो स्थिति गंभीर अवस्था में थी।
डॉ. निर्मला कुमारी और डॉ. कल्पना झा के नेतृत्व में डॉ. ओ.पी. पवार, डॉ. मंजीता सहित अस्पताल की मेडिकल टीम ने यह कठिन ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया। डॉक्टरों के अनुसार सर्जरी बेहद जोखिमपूर्ण थी, क्योंकि यह सिस्ट ओवरी से विकसित होकर गर्भाशय के पास पहुंच गया था और छोटी-बड़ी आंत, रक्त वाहिकाओं तथा आसपास के अंगों पर दबाव बना रहा था।
जांच में पाया गया कि पिछले डेढ़ साल से सिस्ट लगातार बढ़ रहा था, जिससे पेट का आकार असामान्य रूप से बड़ा हो गया था। खाने के बावजूद शरीर में पोषण नहीं लग रहा था और मरीज तेजी से कमजोर होती जा रही थीं। सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट में इस विशाल गांठ की पुष्टि होने के बाद तुरन्त सर्जरी का निर्णय लिया गया।
ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने बताया कि निकाले गए सिस्ट की हिस्टोपैथोलॉजिकल जांच कराई जाएगी, जिससे पता चलेगा कि यह कैंसरयुक्त है या सामान्य ट्यूमर। रिपोर्ट के आधार पर आगे की चिकित्सा तय की जाएगी।
परिजनों ने बताया कि वे पिछले तीन महीनों से शहर के विभिन्न अस्पतालों के चक्कर लगा रहे थे। लेकिन जब कोई समाधान नहीं मिला, तब उन्होंने विज्ञांता हॉस्पिटल का रुख किया और यहां सफल सर्जरी होने से परिवार में खुशी की लहर है।
अस्पताल प्रबंधन ने इसे अत्यंत संवेदनशील और जटिल ऑपरेशन बताया है, जिसकी सफलता अस्पताल की चिकित्सा टीम की कुशलता का प्रमाण है।
