बिहार विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज अब बड़े स्तर पर संगठनात्मक बदलाव की तैयारी में जुट गई है। चुनाव में पार्टी का एक भी उम्मीदवार जीत हासिल नहीं कर पाया, जिसके बाद प्रशांत किशोर ने न सिर्फ आत्ममंथन की बात कही बल्कि आगे की रणनीति को लेकर कई कड़े निर्णय भी लिए। हाल ही में पीके ने अपनी 90 प्रतिशत संपत्ति बिहार की जनता के नाम दान करने का ऐलान कर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी। अब इसी कड़ी में उन्होंने पार्टी के ढांचे में बड़े बदलावों की शुरुआत कर दी है।
शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के प्रवक्ता सैयद मसीह उद्दीन ने बताया कि जनसुराज की राष्ट्रीय परिषद की बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने की। बैठक में चुनावी हार की समीक्षा के साथ-साथ यह निर्णय लिया गया कि पंचायत स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक की सभी कमेटियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया जाए। यह कदम संगठन को नए स्वरूप में ढालने के उद्देश्य से उठाया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि जब तक नई संगठनात्मक संरचना तैयार नहीं होती, तब तक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारियाँ दी गई हैं। राज्य के 12 प्रमंडलों की जिम्मेदारी 12 वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई है, जो जमीनी स्तर पर संगठन को नए सिरे से खड़ा करेंगे। प्रशांत किशोर भी बैठक में मौजूद रहे और उन्होंने पुनर्गठन की जरूरत पर जोर दिया।
पार्टी की अगली बड़ी बैठक 21 दिसंबर को बुलाई गई है। यह जनसुराज की सामान्य परिषद की बैठक होगी, जिसमें जिले स्तर के प्रमुख नेताओं के साथ चुनावी प्रदर्शन, संगठन की कमियां, भविष्य की रणनीति और नए ढांचे को लेकर व्यापक चर्चा की जाएगी।
जनसुराज की नई रूपरेखा कैसी होगी और पीके आगे क्या बड़ा कदम उठाते हैं — इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
