अरवल। अरवल विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गाँवों में आज शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से श्रीमती उर्मिला देवी फाउंडेशन द्वारा शिक्षा सामग्री वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व फाउंडेशन के अध्यक्ष सह सांसद प्रतिनिधि राजू रंजन पासवान ने किया।
कार्यक्रम के तहत दलित और महादलित समाज के बच्चों को कॉपी, किताबें और आवश्यक शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराई गई। इस पहल का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा के मार्ग में आने वाली कठिनाइयों से उबारना था।
अपने उद्बोधन में राजू रंजन पासवान ने कहा, “शिक्षा ही वह शक्ति है, जो गरीब से गरीब और वंचित से वंचित व्यक्ति को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने का मार्ग दिखाती है। जब हर बच्चा पढ़ेगा, तभी समाज में समानता और प्रगति संभव होगी।”
बच्चों और अभिभावकों में इस कार्यक्रम को लेकर विशेष उत्साह देखा गया। बच्चों के चेहरों पर किताबें पाकर खुशी और भविष्य के सपनों की चमक साफ झलक रही थी। अभिभावकों ने भी वचन दिया कि वे अपने बच्चों की पढ़ाई में पूरा सहयोग करेंगे।
कार्यक्रम में अरमान कादरी, आलोक सिन्हा और राहुल कुमार ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। अरमान कादरी ने कहा कि शिक्षा का अधिकार हर बच्चे तक पहुँचना चाहिए और यह केवल फाउंडेशन का ही नहीं, बल्कि पूरे समाज का मिशन है।
फाउंडेशन ने बताया कि आगे चलकर गाँव-गाँव में शिक्षा जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, निःशुल्क कोचिंग व मार्गदर्शन केंद्र खोले जाएँगे और विशेषकर बालिकाओं के लिए शिक्षा प्रोत्साहन कार्यक्रम चलाए जाएँगे। साथ ही पुस्तकालय और अध्ययन केंद्र भी स्थापित किए जाएँगे।
कार्यक्रम का समापन डॉ. भीमराव अंबेडकर के संदेश “शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो” को स्मरण करते हुए हुआ।
निश्चित ही श्रीमती उर्मिला देवी फाउंडेशन की यह पहल दलित और महादलित समाज के बच्चों में शिक्षा की नई रोशनी जगाने का कार्य करेगी और भविष्य के भारत को सशक्त एवं शिक्षित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
कार्यक्रम के तहत दलित और महादलित समाज के बच्चों को कॉपी, किताबें और आवश्यक शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराई गई। इस पहल का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा के मार्ग में आने वाली कठिनाइयों से उबारना था।
अपने उद्बोधन में राजू रंजन पासवान ने कहा, “शिक्षा ही वह शक्ति है, जो गरीब से गरीब और वंचित से वंचित व्यक्ति को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने का मार्ग दिखाती है। जब हर बच्चा पढ़ेगा, तभी समाज में समानता और प्रगति संभव होगी।”
बच्चों और अभिभावकों में इस कार्यक्रम को लेकर विशेष उत्साह देखा गया। बच्चों के चेहरों पर किताबें पाकर खुशी और भविष्य के सपनों की चमक साफ झलक रही थी। अभिभावकों ने भी वचन दिया कि वे अपने बच्चों की पढ़ाई में पूरा सहयोग करेंगे।
कार्यक्रम में अरमान कादरी, आलोक सिन्हा और राहुल कुमार ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। अरमान कादरी ने कहा कि शिक्षा का अधिकार हर बच्चे तक पहुँचना चाहिए और यह केवल फाउंडेशन का ही नहीं, बल्कि पूरे समाज का मिशन है।
फाउंडेशन ने बताया कि आगे चलकर गाँव-गाँव में शिक्षा जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, निःशुल्क कोचिंग व मार्गदर्शन केंद्र खोले जाएँगे और विशेषकर बालिकाओं के लिए शिक्षा प्रोत्साहन कार्यक्रम चलाए जाएँगे। साथ ही पुस्तकालय और अध्ययन केंद्र भी स्थापित किए जाएँगे।
कार्यक्रम का समापन डॉ. भीमराव अंबेडकर के संदेश “शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो” को स्मरण करते हुए हुआ।
निश्चित ही श्रीमती उर्मिला देवी फाउंडेशन की यह पहल दलित और महादलित समाज के बच्चों में शिक्षा की नई रोशनी जगाने का कार्य करेगी और भविष्य के भारत को सशक्त एवं शिक्षित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
रिपोर्ट सतवीर सिंह