अरवल। रूरल रेवेन्यू फ्रेंचाइजी योजना (213) के तहत काम कर रहे विद्युत विभाग के कर्मियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर 5 अगस्त 2025 तक उनकी मांगों पर कोई ठोस और सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, तो वे राज्यव्यापी उग्र आंदोलन शुरू करेंगे।
विद्युत विभाग के इन कर्मियों का कहना है कि वे वर्ष 2013 (213 योजना) से लगातार घर-घर जाकर मीटर रीडिंग, बिजली बिल वसूली और राजस्व संकलन का कार्य करते आ रहे हैं। लेकिन सरकार द्वारा स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना लागू करने के बाद से इन कर्मियों के सामने बेरोजगारी और भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जहां अभी तक यह मीटर नहीं लगे हैं, वहां भी निकट भविष्य में लगाए जा रहे हैं, जिससे उनका रोजगार पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।
इस संदर्भ में संघ की राज्य कमेटी द्वारा कई बार मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, ऊर्जा मंत्री, नेता प्रतिपक्ष और विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्राचार कर अपनी स्थिति से अवगत कराया गया। इसके साथ ही जिला कमेटी ने भी जिले के सांसद, विधायक और जिला पदाधिकारी को ज्ञापन देकर कार्यरत कर्मियों की दयनीय स्थिति की जानकारी दी, लेकिन अब तक कोई सार्थक पहल नहीं की गई।
कर्मियों का आक्रोश उस समय और बढ़ गया जब विधानसभा में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वे RRF और MRC जैसे कर्मियों को नहीं जानते। इसके विरोध में मार्च 2024 में पूरे राज्य में काम बंद कर आंदोलन किया गया, लेकिन विभाग ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया।
बावजूद इसके, विभागीय अधिकारियों के आश्वासन और संगठन की सामाजिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए छह दिन बाद हड़ताल वापस ले ली गई थी। अब संघ की राज्य कमेटी के आह्वान पर सभी कर्मियों ने 23 जुलाई 2025 को महामहिम राष्ट्रपति को आवेदन सौंपा है और अंतिम चेतावनी दी है कि यदि 5 अगस्त तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन को मजबूर होंगे।
- रिपोर्ट: सतवीर सिंह |