अरवल। व्यवसायियों के हक और अधिकारों की लड़ाई को मजबूती देने के लिए बिहार में "व्यवसायी महासंघ" का गठन किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज अरवल में एक अहम बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें 13 जुलाई को पटना के रविंद्र भवन में प्रस्तावित "व्यवसायी महासंघ बिहार के राज्य स्तरीय स्थापना सम्मेलन" की तैयारियों पर चर्चा की गई।
बैठक की अध्यक्षता अरवल के लोकप्रिय विधायक कामरेड महानंद सिंह ने की, जबकि इसमें विशेष रूप से भाकपा-माले के सांसद व महासंघ के संस्थापक सदस्य सुदामा प्रसाद मौजूद रहे।
सैकड़ों की संख्या में स्थानीय दुकानदारों और छोटे व्यापारियों की मौजूदगी में हुई इस बैठक में सुदामा प्रसाद ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा:
"नोटबंदी, अव्यवस्थित लॉकडाउन और मनमानी जीएसटी ने छोटे व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। महंगाई, बेरोजगारी और ऑनलाइन व्यापार की मार से स्थानीय व्यवसाय खत्म होने के कगार पर हैं। वहीं, मोदी सरकार अडानी-अंबानी पर मेहरबान है और छोटे व्यापारियों को ईडी-सीबीआई व जीएसटी से डराया जा रहा है।"
उन्होंने मांग की कि छोटे और मंझोले व्यापारियों को जीएसटी के दायरे से बाहर किया जाए और पटरी-पुटपाथी दुकानदारों को पुलिसिया दमन से मुक्त किया जाए।
व्यापारियों की सुरक्षा और मूलभूत सुविधाओं की कमी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि बाजारों में शौचालय, पीने का पानी, लाइट, सीसीटीवी और मोबाइल पुलिस की भारी कमी है। चोरी, लूट और हत्या की घटनाएं आम हो चुकी हैं।
उन्होंने बिजली कटौती, सड़क जाम और सोन नदी से बालू उठाव के कारण व्यापार पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभावों की भी चर्चा की।
13 जुलाई को पटना चलें!
सुदामा प्रसाद ने अरवल के व्यापारियों से अपील करते हुए कहा:
"13 जुलाई को पटना में होने वाले व्यवसायी महासंघ के स्थापना सम्मेलन में भारी संख्या में शामिल होकर इसे सफल बनाएं। यह संगठन जाति, धर्म, वर्ग और व्यवसाय से ऊपर उठकर सभी व्यापारियों की आवाज बनेगा।"
बैठक में अरवल के दर्जनों व्यापारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और महासंघ को हर संभव समर्थन देने का संकल्प लिया।
चीफ एडिटर : सतवीर सिंह
सम्पर्क: [7991190500]