बिहार में शिक्षकों की तबादला नीति बदलेगी: नई नियमावली जल्द, प्रक्रिया होगी पूरी तरह पारदर्शी
बिहार के सरकारी स्कूलों में लंबे समय से लंबित तबादला व्यवस्था को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। शिक्षा विभाग शिक्षक तबादला नियमावली (Teacher Transfer Rules) में संशोधन के अंतिम चरण में पहुंच चुका है। विभाग की तैयारी है कि आगामी एक माह के भीतर नए नियमों का प्रस्ताव राज्य कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया जाए। नए नियम तीन मुख्य आधारों पर तैयार किए जा रहे हैं—शिक्षकों की सुविधा, स्थानांतरण प्रक्रिया की पारदर्शिता, और शिक्षण कार्य में न्यूनतम बाधा।
तबादला नीति न होने से बढ़ी थी परेशानियां
पिछले कई वर्षों से राज्य में शिक्षकों के लिए एक स्पष्ट और व्यावहारिक तबादला नीति न होने से लगातार विवाद बढ़ते रहे। वर्ष 2024-25 में ही सवा लाख से अधिक शिक्षकों का अंतरजिला व अंतर्जिला स्थानांतरण किया गया, लेकिन प्रक्रिया स्पष्ट न होने और बार-बार दिशा-निर्देश बदलने के कारण बड़ी संख्या में मामले अदालत तक पहुंचे। विभाग को कई बार आदेशों में सुधार और स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, स्पष्ट नीति के अभाव में न केवल शिक्षकों में असंतोष बढ़ा, बल्कि कई विद्यालयों में पढ़ाई भी प्रभावित हुई। कई बार अलग-अलग ड्राफ्ट बने, लेकिन उन पर अंतिम मुहर नहीं लग सकी। 2006 में नियोजन प्रणाली लागू होने के बाद से ही एक बेहतर और統ित तबादला नीति बनाने की मांग लगातार उठती रही है।
नई नियमावली के दायरे में आएंगे 6 लाख से अधिक शिक्षक
बिहार के लगभग 79,000 सरकारी स्कूलों में कार्यरत छह लाख से ज्यादा शिक्षक नई नीति के दायरे में आएंगे। वर्तमान में लगभग एक लाख से अधिक शिक्षक स्थानांतरण की प्रतीक्षा में हैं, लेकिन बड़े पैमाने पर तबादले नीति के लागू होने के बाद ही संभव होंगे।
शिक्षा विभाग पहले विधानसभा चुनाव के पूर्व नीति लागू करना चाहता था, लेकिन शिक्षक संगठनों की आपत्तियों और सुझावों के बाद प्रक्रिया धीमी हो गई। अब इन्हीं बिंदुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद नई नियमावली अंतिम रूप ले चुकी है।
कब से होंगे आवेदन? पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन
नई नियमावली की अधिसूचना जारी होते ही तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। विभाग का मानना है कि पूरी प्रक्रिया डिजिटल होने से मनमानी, देरी और अनियमितता पर रोक लगेगी।
मुख्य प्रावधानों में शामिल—
- नियुक्ति के बाद पहले 5 वर्षों के भीतर तबादला नहीं होगा।
- हालांकि गंभीर बीमारी, विशेष परिस्थितियों या अत्यावश्यक स्थिति में अपवादस्वरूप 5 वर्ष पूर्व भी तबादले की अनुमति दी जा सकेगी।
- सभी शिक्षकों—पुराने शिक्षक, विशिष्ट शिक्षक, विद्यालय शिक्षक, प्रधानाध्यापक और प्रधान शिक्षक—के लिए एकीकृत दिशा-निर्देश लागू होंगे।
- तबादला प्रक्रिया समयबद्ध होगी और सभी आदेश पोर्टल पर उपलब्ध कराए जाएंगे।
राज्य में स्कूलों की संख्या
- प्राथमिक विद्यालय: 40,270
- मध्य विद्यालय: 27,903
- बुनियादी विद्यालय: 391
- माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय: 9,360
क्या होगी नई नीति से उम्मीद?
नई नियमावली लागू होने से शिक्षक समुदाय को राहत मिलने की उम्मीद की जा रही है। वर्षों से लंबित स्थानांतरण संबंधी समस्याओं का समाधान होगा और स्कूलों में शिक्षण कार्य भी सुचारू रहेगा। पारदर्शी, निश्चित और तकनीकी रूप से मजबूत प्रक्रिया शिक्षकों, छात्रों और पूरे शिक्षा तंत्र के लिए महत्वपूर्ण सुधार साबित हो सकती है।
नई नीति के लागू होते ही बिहार में शिक्षक स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी तरह बदली और सरल होती दिखाई देगी।