नई दिल्ली। वैश्विक अर्थव्यवस्था इन दिनों मानो किसी अदृश्य झूले पर झूल रही है—और इसी बेचैनी के बीच ‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने फिर एक बड़ी चेतावनी जारी कर दी है। सोशल मीडिया पर अपनी नई पोस्ट में उन्होंने दावा किया कि इतिहास का सबसे बड़ा आर्थिक क्रैश शुरू हो चुका है। उनके शब्दों में यह संकट कोई अचानक आई आँधी नहीं, बल्कि वर्षों से बनता आ रहा बुलबुला है, जो अब दुनिया के सामने फटने लगा है।
जापान से शुरू हुई चेतावनी
कियोसाकी ने अपने पोस्ट में जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां का 30 साल पुराना “बुलबुला” आखिरकार फूट चुका है। उन्होंने लिखा कि जापान ने ‘कैरी ट्रेड’ को समाप्त कर दिया—एक ऐसी व्यवस्था जिसके तहत जापान तीन दशक से अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को बेहद कम ब्याज दर पर लोन देता रहा। ये पैसा दुनिया भर के रियल एस्टेट, स्टॉक्स, बॉन्ड्स, कमोडिटीज़ और बिज़नेस सेक्टर्स में बहता रहा।
कियोसाकी के मुताबिक अब जब जापान कैरी ट्रेड की हवा निकल गई है, यह दुनिया की संपत्तियों पर लगे एक “गुप्त पिन” जैसा असर दिखा रही है। उनकी मानें तो थैंक्सगिविंग के आसपास ही इस “सबसे बड़े क्रैश” की शुरुआत हो चुकी है।
‘क्रैश का शिकार बनने से बचें’
कियोसाकी ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब ग्लोबल एसेट बबल फूटेंगे और बेरोजगारी तेजी से बढ़ेगी, तब करोड़ों लोग इसकी चपेट में आएंगे। लेकिन उन्होंने साथ ही कुछ उपाय भी सुझाए, जिनसे लोग इस संकट से खुद को बचा सकते हैं।
उनका कहना है कि AI आने वाले वर्षों में लाखों नौकरियां खत्म कर देगा, इसलिए ऐसे सेक्टर्स में निवेश करें जिनकी मांग भविष्य में भी बनी रहे—जैसे तेल और प्राकृतिक गैस ऊर्जा। उन्होंने बताया कि वे खुद प्राइवेट इक्विटी के माध्यम से एनर्जी कंपनियों में इन्वेस्ट करते हैं। आम निवेशक भी अपनी सामर्थ्य के अनुसार एनर्जी सेक्टर के ETF या म्यूचुअल फंड में पैसा लगाकर खुद को मजबूत कर सकते हैं।
कियोसाकी ने अंत में लिखा—“इस क्रैश में बहुत से लोग गरीब होंगे, लेकिन सही फैसले लेने वाले अमीर भी बन सकते हैं।”
